One Nation One Election: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई।सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने एक राष्ट्र एक चुनाव (One Nation One Election) को मंजूरी दे दी है जिसको अब सरकार शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है।एक राष्ट्र एक चुनाव बिल अगर सदन से बिना किसी विरोध के पास हो जाता है तो इसके तहत पूरे देश में लोकसभा चुनाव,विधानसभा चुनाव,निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव एक साथ कराने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक देश एक चुनाव’ को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक राष्ट्र एक चुनाव (One Nation One Election) को लेकर पहले से सक्रिय हैं इससे पहले सरकार ने एक राष्ट्र एक चुनाव की योजना को आगे बढ़ाने के लिए सितंबर 2023 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी।रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी इस रिपोर्ट में 2 चरणों में चुनाव को कराने की सिफारिश की गई थी।
पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनी थी समिति
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने पेश की अपनी रिपोर्ट में पहले चरण के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की थी जबकि दूसरे चरण में निकाय और पंचायत चुनाव कराए जाने की सिफारिश की थी।एक राष्ट्र एक चुनाव (One Nation One Election) के लिए बनाई गई इस समिति में पूर्व राष्ट्रपति के अलावा अन्य 8 सदस्य थे इसमें गृह मंत्री अमित शाह,कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी,डीपीए नेता गुलाम नबी आजाद,वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मौजूद थे।कमेटी में 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह,लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी मौजूद रहे।
पूर्व राष्ट्रपति ने ‘एक देश एक चुनाव’ को बताया गेम चेंजर
एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि,इससे चुनावी खर्चे में काफी कमी आएगी साथ ही सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में रुकावट भी कम होगी और देश में विकास कार्य तेजी से हो सकेंगे।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक देश एक चुनाव को लेकर बताया कि,एक देश एक चुनाव पर केंद्र सरकार को सभी दलों की सर्वसम्मति विकसित करनी होगी यह मुद्दा किसी राजनीतिक दल के हित का नहीं बल्कि देश के हित का है।पूर्व राष्ट्रपति ने कहा,मैं इसे चुनौती नहीं मानता हूं बल्कि ये मेरे लिए ‘गेम चेंजर’ है इस देश के अर्थशास्त्रियों की भी यही राय है जब ये बिल आ जाएगा तो कम से कम 1 से 1.5 प्रतिशत इस देश की GDP बढ़ जाएगी।
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