Ratan Tata: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है. उन्होंने 10 अक्टूबर को राज्यभर में शोक मनाने का ऐलान किया है. रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में 9 अक्टूबर 2024 की रात को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल (Breach Candy Hospital) में निधन हो गया. वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे.
Read More: 1960 के दशक की शुरुआत में Tata Group में करियर शुरू किया…जानिए कितने पढ़े-लिखे थे Ratan Tata?
हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि
बताते चले कि सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है.” उन्होंने रतन टाटा को झारखंड के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए याद किया. रतन टाटा (Ratan Tata) का टाटा समूह जमशेदपुर में स्थित टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों का संचालन करता है, जो राज्य के औद्योगिक विकास के केंद्र में हैं.
टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर दिलाई पहचान
भारतीय उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) को टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का श्रेय दिया जाता है. उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता के कारण टाटा समूह (Tata Group) ने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण किए, जिनमें जैगुआर और लैंड रोवर जैसी कंपनियों का अधिग्रहण शामिल है. रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में अपनी साख बनाई. रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था और उन्होंने 1960 के दशक में टाटा समूह से अपने करियर की शुरुआत की थी. वे 1991 में टाटा संस के चेयरमैन बने और 2012 में अपने पद से सेवानिवृत्त हुए.
टाटा समूह का शोक संदेश
टाटा समूह (Tata Group) ने ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक बयान में लिखा, “यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है कि हम रतन नवल टाटा को अंतिम विदाई दे रहे हैं. वे वास्तव में एक असाधारण व्यक्तित्व थे.” टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने भी रतन टाटा के निधन की पुष्टि की और उन्हें “मित्र, गुरु और मार्गदर्शक” बताया. उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाटा (Ratan Tata) के योगदान ने न केवल टाटा समूह को, बल्कि पूरे राष्ट्र के ताने-बाने को नया रूप दिया है.
टाटा समूह की बागडोर कौन संभालेगा?
रतन टाटा (Ratan Tata) के निधन के बाद, अब यह चर्चा होने लगी है कि टाटा समूह की बागडोर कौन संभालेगा. इस दिशा में नोएल टाटा सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. नोएल टाटा, नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से जन्मे रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. उन्हें टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त समझा जा रहा है. हालांकि, उनकी उम्र को देखते हुए संभावना है कि यह जिम्मेदारी उनके तीन बच्चों—माया टाटा, नेविल टाटा, या लिया टाटा—में से किसी एक को सौंपी जा सकती है.
इसके अलावा, रतन टाटा (Ratan Tata) के छोटे सगे भाई जिम्मी टाटा भी हैं, लेकिन वे हमेशा सुर्खियों से दूर रहे हैं और पारिवारिक व्यवसाय में सक्रिय भूमिका निभाते हुए नहीं दिखे हैं. रतन टाटा के निधन से भारतीय उद्योग जगत में एक युग का अंत हो गया है. उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं और देश को गर्वित किया. उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी. झारखंड में राजकीय शोक के ऐलान के साथ, देशभर में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है.
Read More: Ratan Tata के निधन पर देश के नेताओं ने जताया शोक, भारत के कॉर्पोरेट जगत को मिली अपूरणीय क्षति