Manu Bhaker: हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनाव में ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर ने भी आज झज्जर के एक पोलिंग बूथ पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया मनु भाकर ने अपने इस अनुभव को साझा करते हुए प्रेरित करने वाला बयान दिया और बोलीं कि,मैंने पहली बार वोट डाला है।पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतकर इतिहास रचने वाली मनु भाकर ने आज पहली बार मतदान किया हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। इसी कड़ी में मनु भाकर ने झज्जर में पोलिंग बूथ पर मतदान करती दिखीं।
अपना अनुभव किया साझा
अपने इस अनुभव को साझा करते हुए मनु ने कहा- मैंने पहली बार मतदान किया। इस देश के युवा होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि,हम सबसे अनुकूल उम्मीदवार को अपना वोट दें। छोटे कदम बड़े लक्ष्यों की ओर ले जाते हैं। मनु के साथ उनकी मां सुमेधा भाकर भी दिखीं। भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया था।
स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बन गईं मनु
वह ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज बनीं थईं। उन्होंने महिलाओं के व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीता था। साथ ही सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में भारत को एक और कांस्य पदक दिलाया था। मनु एक और कांस्य पदक जीतने के साथ ही एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बन गईं। मनु से पहले नॉर्मन प्रिचर्ड ने 1900 के खेलों के दौरान एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीते थे। तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। प्रिचार्ड के बाद कोई भी भारतीय एथलीट एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने में कामयाब नहीं हुआ था।
अपने करियर में ओलंपिक में दो पदक जीते
हालांकि, कुछ भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने अपने करियर में ओलंपिक खेलों में कुल मिलाकर दो पदक जीते हैं। इनमें सुशील कुमार (कुश्ती) और पीवी सिंधू (बैडमिंटन) शामिल हैं। सुशील ने लंदन 2012 में रजत पदक जीतने से पहले बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य पदक जीता था। ऐसा करते ही वह स्वतंत्रता के बाद दो अलग-अलग ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाले भारत के पहले व्यक्तिगत एथलीट बन गए। बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधू ने रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता। तब वह फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गई थीं। यह पहली बार था जब भारत ने ओलंपिक बैडमिंटन में रजत पदक जीता था। सिंधू ने बाद में टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता। मनु का मामला सुशील और सिंधू से काफी अलग है क्योंकि वह स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं।