Lucknow Crime News : रेजीडेंसी के पास सीवर सफाई करने के दौरान मजदूर पिता-पुत्र की दम घुटने से मौत के बाद जल निगम के आला अधिकारियों ने बड़े और जिम्मेदार अफसर-इंजीनियरों को बचा लिया है। बुधवार देर रात जल निगम के सबसे छोटे दोनों इंजीनियरों को निलम्बित कर जल निगम और शासन के अफसर वाहवाही लूटने की कोशिश में हैं। पर, असली जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने कम्पनी केके स्पन के निदेशक और ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
Read more : खत्म हुआ सस्पेंस,राहुल गांधी लड़ेंगे रायबरेली से चुनाव,लिस्ट जारी…
जेई और एई मनमाने ढंग से काम करते हैं
सहायक अभियन्ता मुनीश अली, अवर अभियन्ता गुडलक वर्मा को निलम्बित कर खाना पूर्ति कर दी गयी। जबकि हादसे के लिए अकेले जेई और एई ही जिम्मेदार नहीं थे। अधिशासी अभियन्ता से लेकर चीफ इंजीनियर तक जिम्मेदार थे। इन अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो यह हादसा न होता। जल निगम के कुछ अफसरों, इंजीनियरों ने बताया कि ये अफसर दफ्तरों से बाहर ही नहीं निकलते हैं। इससे ठेकेदार, जेई और एई मनमाने ढंग से काम करते हैं।
Read more : स्कूल को फिर बम से उड़ाने की मिली धमकी,पुलिस कमिश्नर की ID पर आया मेल..
बड़े अफसरों को बचाते हुए जेई-एई को निलम्बित कर बड़ी घटना दबाने में लगे
जल निगम के कई अधिकारियों ने बताया कि बड़े अधिकारी और इंजीनियर खुद फील्ड में जाते तो ऐसी लापरवाही नहीं होती। मगर जल निगम का कोई बड़ा अधिकारी कहीं कुछ देखने नहीं जाता है। इस वजह से यह हादसा हुआ। खुद अधिशासी अभियन्ता तक नहीं गए। आरोप है कि मुख्य अभियन्ता महीनों दफ्तर से बाहर नहीं निकलते हैं। मगर शासन, जल निगम के आला अफसरों ने इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। बड़े अफसरों को बचाते हुए जेई-एई को निलम्बित कर बड़ी घटना दबाने में लगे हैं।
Read more : विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, दहेज न देने पर हत्या का मुकदमा
दोनों मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा
जल निगम एमडी राकेश मिश्रा का कहना है कि घटना के लिए एई और जेई ही जिम्मेदार हैं। इसलिए उन पर कार्रवाई की गयी। यही दोनों फील्ड अफसर होते हैं। अधिशासी अभियन्ता, मुख्य अभियन्ता सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि कम्पनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया जा रहा है।जल निगम के एमडी राकेश मिश्रा ने बताया कि जल निगम, कम्पनी के लोग मजदूरों के घर चेक देने गए थे। मगर उन्होंने वह नहीं लिया। वह पहले अंतिम संस्कार करना चाह रहे थे। शुक्रवार दोबारा टीम भेजी जाएगी। दोनों मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
Read more : खत्म हुआ सस्पेंस,राहुल गांधी लड़ेंगे रायबरेली से चुनाव,लिस्ट जारी…
कम्पनी निदेशक और ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
रेजीडेंसी के पास सीवर सफाई करने के दौरान मजदूर पिता-पुत्र की मौत में पुलिस ने कम्पनी केके स्पन के निदेशक और ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। ठेकेदार ने दोनों को बिना ऑक्सीजन मास्क, सुरक्षा के अन्य उपकरण ही मैनहोल में उतार दिया था। दोनों की दम घुटने से मौत हो गई थी। वजीरगंज कोतवाली में ये एफआईआर मृतक सोबरन के छोटे बेटे विनय ने दर्ज कराई है। विनय ने आरोप लगाया है कि सफाई के दौरान दम घुटने से पिता सोबरन और भाई सुशील नीचे गिर गये। यह देखकर ठेकेदार और अन्य साथी भाग निकले थे।
Read more : मेडिसिन मार्केट में बिजली का खुला पैनल बॉक्स बन सकता है जानलेवा..
दोनों को मृत घोषित कर दिया गया था
सीतापुर के कमलापुर निवासी विनय यादव ने बताया कि उसके पिता और भाई छह साल से हरियाणा, फरीदाबाद की कम्पनी केके स्पन इंडिया प्रा. लि. में सीवर सफाई कर रहे थे। वह लखनऊ से पहले कई अन्य जिलों में कम्पनी की साइट पर काम करने गए थे। कम्पनी के डायरेक्टर हिमांशु गुप्ता, ठेकेदार केएस पाण्डेय, कैलाश दीक्षित ने पिता और भाई को लखनऊ में काम के लिये बुलाया था। बुधवार अपरान्ह तीन बजे पिता और भाई को बिना मास्क, सुरक्षा उपकरण मैनहोल से अंदर उतार दिया था। नीचे सफाई के दौरान जहरीली गैस से उनका दम घुटने लगा। दोनों लोग बेहोश होकर नीचे गिर पड़े। यह देख उनके साथी वहां से भाग निकले थे। दोनों को दमकलकर्मियों की मदद से बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा गया जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया था।
Read more : लोकसभा चुनाव के बीच सपा को बड़ा झटका,BJP में शामिल हुए पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह..
इस हादसे से शोक में बदल गया
सोबरन के बेटे विनय ने आरोप लगाया कि डायरेक्टर हिमांशु व ठेकेदार केएस पाण्डेय और कैलाश ही उनके पिता व भाई की मौत होने के जिम्मेदार है। विनय की इसी 18 अप्रैल को शादी थी। दो दिन पहले ही पिता व भाई शादी की सारी रस्म पूरी होने के बाद लखनऊ लौटे थे। घर में खुशी का माहौल चल रहा था जो इस हादसे से शोक में बदल गया।