Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections) की सरगर्मियां अब अपने चरम पर हैं राज्य की 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है उससे पहले कांग्रेस-भाजपा समेत अन्य सभी दल चुनावी जनसभाओं में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जैसे स्टार प्रचारकों ने पूरा जिम्मा संभाला हुआ है तो वहीं कांग्रेस ने भी चुनावी रण में अपने दिग्गजों को उतार दिया है।
महाराष्ट्र के चुनावी रण में उतरे दिग्गज
महाराष्ट्र (Maharashtra) का चुनाव इस बार जनता के लिए पार्टियों और उनके उम्मीदवारों के बारे में समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि इस बार के चुनाव में शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में बंटी है एक तरफ अजित पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना भाजपा के साथ महायुति गठबंधन का हिस्सा है तो वहीं दूसरी तरफ शरद पवार के खेमे वाली एनसीपी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है।
शरद पवार का अजित पवार को लेकर बड़ा खुलासा!
आज अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको साल 2004 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly elections) के दौरान उस वाकये को बताएंगे जब शरद पवार (Sharad Pawar) के पास मौका था कि,वह अपने भतीजे अजित पवार को राज्य का मुख्यमंत्री बना सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया इसके पीछे क्या कारण रहे वह भी हम बताएंगे।दरअसल खुद अजित पवार कई मौकों पर कह चुके हैं कि,उनकी भी इच्छा है वह मुख्यमंत्री बने हालांकि कई बार वह उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं इससे उनका दु:ख साफ झलकता है।
2004 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी NCP
साल 2004 में देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखा गया जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता से बाहर हुई उसी समय महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए जहां कुछ सालों पहले शरद पवार ने कांग्रेस से नाता यह कहकर तोड़ लिया कि,सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) विदेशी मूल की हैं तब शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपनी पार्टी एनसीपी बनाई और महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा चुनाव के नतीजों में शरद पवार की एनसीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी एनसीपी ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा उसको 71 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस ने 157 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसको 69 सीटों पर जीत मिली तीसरे नंबर पर शिवसेना रही जिसने 62 सीटें जीती और चौथे नंबर पर भाजपा जिसके पास केवल 54 सीटें थी।
शरद पवार ने अजित पवार को क्यों नहीं बनाया CM?
राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी एनसीपी के पास मौका था कि,शरद पवार (Sharad Pawar) कांग्रेस के सामने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी लेने का विकल्प रखें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अजित पवार (Ajit Pawar) उस समय एक उभरते हुए नेता थे शरद पवार के साथ वह हर जगह दिखाई देते थे सबसे ज्यादा सीटें होने के बावजूद शरद पवार ने ऐसा नहीं किया और कम सीटों के बावजूद कांग्रेस ने विलासराव देशमुख को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया।
शरद पवार ने राज से उठाया पर्दा
शरद पवार (Sharad Pawar) ने इतने सालों के बाद अब इससे राज उठाया है उन्होंने बताया कि,क्यों उस समय उन्होंने सीएम पद की कुर्सी की डिमांड कांग्रेस के सामने नहीं रखी थी शरद पवार ने एक न्यूज पेपर को दिए इंटरव्यू में बताया कि,उनकी पार्टी को ज्यादा मंत्री उनकी सोच थी राज्य में उभरते हुए नेता अजित पवार,जयंत पाटिल और आरआर पाटिल जैसे नेता आगे चलकरे बड़े नेता बने पार्टी के नए नेतृत्व को ताकत मिले इसलिए उन्होंने ऐसा किया था।
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