Uttar Pradesh Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में मंगलवार को पेपर लीक को लेकर कानून पास करा लिया गया है. प्रदेश में नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार (Yogi government) ने उप्र सार्वजनिक परीक्षा (Prevention of Unfair Practices) विधेयक-2024 पारित किया. यह कानून जांच एजेंसियों की पेपर लीक मामले जांच करने के लिए सहयोगी साबित होगी.
इतने साल की होगी सजा
नए प्रावधानों के तहत, धोखे या कपट के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराने या शादी करने पर अब 3 से 10 साल की जेल और 25 हजार रुपये जुर्माना होगा. पहले इसकी सजा 1 से 5 साल जेल और 15 हजार रुपये जुर्माना थी. नाबालिगों और महिलाओं (एससी-एसटी) के साथ अपराध करने पर 5 से 14 साल की जेल और 1 लाख रुपये जुर्माना तय किया गया है. अवैध सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर 7 से 14 साल की जेल और 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
सजा और जुर्माने की राशि बढ़ाई गई
यह संशोधन विधेयक धर्म परिवर्तन (religious conversion) के अपराध की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए लाया गया है. इसके माध्यम से विदेशी और राष्ट्र विरोधी ताकतों की संगठित साजिशों को रोकने का प्रयास किया जाएगा. सजा और जुर्माने की राशि बढ़ाने के साथ जमानत की कड़ी शर्तें भी जोड़ी गई हैं. इसके अलावा, नाबालिग, दिव्यांग और मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी नए प्रावधान किए गए हैं.
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उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा विधेयक-2024
सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचितापूर्ण तरीके से आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (Prevention of Unfair Means) विधेयक-2024 को भी विधानसभा में पारित कर दिया. इस विधेयक के तहत, सार्वजनिक परीक्षा में नकल और पेपर लीक को रोकने के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं.
पेपर लीक गिरोह की खैर नहीं
नए कानून के अनुसार, नकल माफिया और पेपर लीक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें न्यूनतम 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है, और 1 करोड़ रुपये तक जुर्माने का प्रावधान भी शामिल किया गया है. योगी सरकार (Yogi government) पहले भी पेपर लीक के मामलों में कड़े कदम उठा चुकी है, और यह विधेयक इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.इसके अलावा, विधानसभा में निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी पास किया गया, जो शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है.
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