Lucknow News: इजराइली हमले (Israel Iran War) में हिजबुल्लाह (Hezbollah) प्रमुख हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में शिया समुदाय ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कैंडल मार्च निकालकर नसरल्लाह की मौत पर शोक जताया और अपने घरों पर काले झंडे फहराए। इसके साथ ही शिया समुदाय (Shia community) के लोगों ने दुकानों को बंद करने की अपील की। छोटे से बड़े इमामबाड़ा तक निकाले गए इस कैंडल मार्च के दौरान इजराइल (Israel) और अमेरिका (America) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सिर्फ इतना ही नहीं शोक सभाओं का भी आयोजन किया गया, जहां नसरल्लाह को श्रद्धांजलि दी गई।
नसरल्लाह की मौत पर यूपी में हुआ भारी प्रदर्शन
हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की मौत का विरोध केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सुल्तानपुर, अमेठी और अन्य स्थानों पर भी शिया समुदाय ने विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने “नसरल्लाह जिंदाबाद” (“Long live Nasrallah”) और “अमेरिका को आग लगा दो” जैसे नारों के साथ अपना गुस्सा जाहिर किया। शिया समुदाय के लोग इस घटना को अपने लिए “ब्लैक डे” मानते हैं और नसरल्लाह को शिया समुदाय का मजबूत नेता और मार्गदर्शक बताते हैं।
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योगी सरकार की सख्ती: “नो नसरल्लाह, नो हिजबुल्लाह”
उत्तर प्रदेश में इन विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य में आतंकवाद और उसके समर्थकों के लिए कोई जगह नहीं है। लखनऊ में शिया समुदाय द्वारा निकाले गए कैंडल मार्च को लेकर प्रदेश सरकार ने सख्त आदेश जारी किए हैं। सरकार ने कहा कि ऐसे किसी भी प्रदर्शन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो आतंकवादियों का समर्थन करता हो। प्रशासन ने भी स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है, “नो नसरल्लाह, नो हिजबुल्लाह”। इस दिशा में कड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ पुलिस ने प्रदर्शन के आयोजकों और कुछ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
50 प्रदर्शनकारियों पर एफआईआर, 5 आयोजक हिरासत में
लखनऊ (Lucknow) में हुए इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हो गई। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारी बिना अनुमति के नसरल्लाह की तस्वीरें लेकर और ‘जिंदाबाद-मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 11 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। साथ ही, पुलिस ने 5 आयोजकों को भी हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि यह प्रदर्शन बिना किसी पूर्व अनुमति के किया गया था और कानून-व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया गया।
नसरल्लाह की मौत शिया समुदाय के लिए ‘ब्लैक डे’
शिया समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन के पीछे अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हसन नसरल्लाह की मौत उनके लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। वे नसरल्लाह को श्रद्धांजलि दे रहे थे और उनके लिए यह दिन “ब्लैक डे” जैसा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नसरल्लाह न केवल एक मजबूत नेता थे, बल्कि शिया कौम के मार्गदर्शक भी थे। लखनऊ के साथ ही सुल्तानपुर में भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। शिया समुदाय के लोगों ने नसरल्लाह को याद करते हुए नारे लगाए और उनकी मौत को शिया समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति बताया।
योगी सरकार ने दिया स्पष्ट संदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार के आतंकवादी समर्थन को राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कानून-व्यवस्था को भंग करने वाले किसी भी तत्व पर तुरंत कार्रवाई की जाए। सरकार ने कहा कि नसरल्लाह (Nasrallah) या हिजबुल्लाह (Hezbollah) जैसे संगठनों के प्रति समर्थन दिखाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटनाक्रम से यह तो साफ हो गया है कि यूपी सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर कोई भी ढील देने के मूड में नहीं है।