लखनऊ संवाददाता : विवेक शाही
लखनऊ : आम चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी पसमंदा मुसलमानों को आगे कर रही है. कई बार बीजेपी ने पसमंदा सम्मेलन भी किया. वही इस मुद्दे पर कांग्रेस-सपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने पसमंदा समाज की बात करते हुए बीजेपी को आड़े हाथों लिया. इसी क्रम में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने भाजपा द्वारा पसमांदा मुस्लिम तबक़ों को रिझाने के लिए ‘पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा’ निकालने को एक हताशा भरा प्रयास बताया है जिसके झांसे में कोई भी नहीं आएगा।
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शाहनवाज आलम ने क्या कहा
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पसमांदा तबका सियासी तौर पर जागरूक तबका है उसे पता है कि बिल्किस बानो भी पसमांदा हैं जिनके बलात्कारियों को मोदी सरकार ने न सिर्फ़ रिहा करवाया बल्कि उन्हें सम्मानित भी किया। पसमांदा लोग यह भी जानते हैं कि लिंचिंग में मारे जाने वाले 90 प्रतिशत मुस्लिम भी पसमांदा ही हैं। इसलिए भाजपा के इस झांसे में शायद ही कोई आएगा।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब हिंदू हितों की बात करने वाली भाजपा हिंदू पसमांदा ( पिछड़े वर्ग) और दलितों को मिले आरक्षण के अधिकार को ही छीनने में लगी है तो कोई मुस्लिम उनके झांसे में कैसे आ जाएगा।
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”सिफारिशों को मोदी सरकार ने मानने से क्यों इनकार”- शाहनवाज आलम
उन्होंने कहा कि, भाजपा के अल्पस्यंखक नेताओं की समाज में कोई स्वीकार्यता ही नहीं है न उनमें इतना साहस है कि वो मोदी सरकार से पूछ सकें कि उसने 9 नवम्बर 2022 को पसमांदा तबकों को अनुसूचित वर्ग में रखकर आरक्षण दिये जाने की पसमांदा तबकों की पुरानी मांग का विरोध क्यों किया। उनमें यह भी पूछने का साहस नहीं है कि कांग्रेस सरकार द्वारा गठित रंगनाथ मिश्र आयोग की पसमांदा तबकों के विकास के लिए सुझाए गए सिफारिशों को मोदी सरकार ने मानने से क्यों इनकार कर दिया।