Noel Tata: रतन टाटा के निधन के बाद टाटा ट्रस्ट की कमान किसके हाथों में जाएगी, इस पर चल रही अटकलें अब खत्म हो गई है. नोएल टाटा (Noel Tata) को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुन लिया गया है. मुंबई में हुई टाटा ट्रस्ट (Tata Trust) की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से इस पद पर नियुक्त किया गया है. अब नोएल टाटा के कंधों पर टाटा समूह के विशाल व्यापारिक साम्राज्य की जिम्मेदारी आ गई है, जो 100 देशों में फैला हुआ है और जिसकी कुल संपत्ति 403 अरब डॉलर यानी करीब 39 लाख करोड़ रुपये है.
रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री की संवेदनाएं
आपको बता दे कि रतन टाटा के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएल टाटा (Noel Tata) से बात कर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की थी.नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और उन्हें टाटा ट्रस्ट की कमान सौंपने के प्रमुख दावेदारों में से एक माना जा रहा था. अब, रतन टाटा के बाद नोएल टाटा ही ट्रस्ट की होल्डिंग कंपनियों का संचालन करेंगे. इस निर्णय के साथ, टाटा समूह को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी नोएल टाटा के कंधों पर आ गई है.
नोएल टाटा की शैक्षिक और व्यावसायिक परिचय
नोएल टाटा (Noel Tata), रतन टाटा के पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं. वे 67 वर्ष के हैं और उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत प्रभावशाली रही है. उन्होंने ससेक्स यूनिवर्सिटी (यूके) से ग्रेजुएशन किया है और फ्रांस में INSEAD से इंटरनेशनल एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम (IEP) पूरा किया है. अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने नेस्ले, यूके के साथ भी काम किया था. नोएल टाटा की व्यावसायिक समझ और अनुभव ने उन्हें टाटा समूह के नेतृत्व के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाया था.
पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन
नोएल टाटा (Noel Tata) आयरिश नागरिक हैं और उनका पारिवारिक जीवन भी व्यवसाय से जुड़ा है. उनकी शादी पालोनजी मिस्त्री की बेटी आलू मिस्त्री से हुई है, जो टाटा संस में सबसे बड़े शेयरधारक थे. उनके तीन बच्चे हैं – लिआ, माया और नेविल। पालोनजी मिस्त्री के परिवार का टाटा समूह में गहरा जुड़ाव रहा है, और इस संबंध ने नोएल टाटा को और भी मजबूती प्रदान की है.
टाटा समूह की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी
नोएल टाटा (Noel Tata) फिलहाल सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं. टाटा ट्रस्ट की अध्यक्षता मिलने के साथ ही अब उनका कर्तव्य है कि वे टाटा समूह की समृद्ध विरासत को बनाए रखते हुए इसे और ऊंचाइयों पर ले जाएं. टाटा समूह, जिसकी जड़ें भारत के आर्थिक विकास में गहरी हैं, अब नोएल टाटा के नेतृत्व में अपनी नई दिशा तय करेगा.
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