बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी से एक फिर निर्भया कांड जैसा मामला सामने आया हैं जिसे सुनने और जानने वालों की रूह तक कांप उठी हैं। बता दे कि दरिंदें ने उस 5 साल की मासूम को पहले शराब पिलाई फिर उसके साथ रेप किया इतना में नहीं रूका उस दरिंदें ने मासूम के प्राइवेच पार्ट में गन्ना डाला जिसके बाद वो मासूम लड़की तड़पती रही और बेहोश हो गई जिसके आरोपी यहीं नही रूका उसने बच्ची का गला दबाया और फिर मरने के लिए तालाब में भेंक दिया, मगर वो कहते हैं ना जिसकी मौत ना आई हो उसका कोई भी बालबाका नहीं कर सकता हैं। आइये जानते हैं पूरा मामला….
आपके बता दें कि ये दिलदहला देने वाला पूरा मामला बाराबंकी का है जहां कि रहने वाली एक बच्ची जिसकी उम्र 5 साल की है जिसको बिना गलती की ये सजा मिली कि वो अब कभी मां नहीं बन सकती। क्योंकि इस समाज में रहने वाले दरिदें जिन्हें जीने का भी अधिकार नहीं उसके दुष्कर्मों की सजा उस मासूम को भूगतनी पड़ रही हैं। बता दे कि उस 5 साल की बच्ची की साथ बीते 25 जुलाई को उसके पड़ोस में रहने वाले 40 साल के एक आदमी ने उसके प्राइवेट पार्ट में गन्ना डाला। उसे शराब पिलाई और उसके साथ रेप किया। जिसके बाद वो खेत में तड़पते-तड़पते बेहोश हो गई और जब उसे होश आया तो तालाब में पड़ी थी। मासूम की हालत के बारें में बताये तो शरीर नुचा और खून से लथपथ था।
घटना को भले ही 10 दिन बीत चुके हैं मगर उस बच्ची के जख्म अभी भी ताजा हैं जिसको अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं डॉक्टरों का कहना है उसका एक ऑपरेशन हो चुका है। एक और ऑपरेशन होना बाकी है। मगर उसका प्राइवेट पार्ट बुरी तरह डैमेज हो चुका है। उसकी हालत अब तक स्थिर नहीं है और हो सकता हैं कि वो अब कभी मां भी नहीं बन सकती हैं।
आइये जानते बच्ची के साथ हुई उस असहनीय दर्द की कहानी
5 साल की मासूम बच्ची के घर वालों ने बताया कि बच्चे घर के पास खेल रही थी, जिसके बाद वहां से गायब हो गई जब उसे ढूंढा गया तब मामले की पूरी जानकारी मिली और बच्ची को तुरंन्त अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पूरी घटना 25 जुलाई की शाम के करीब 4 बजे की हैं। वहीं मां ने बताया कि बच्ची अपनी मां के साथ खेत पर गई थी। घर वापस आते वक्त उसने खेलने की जिद की। मां ने बच्ची घर के पास खेलने के लिए कहा वो हर दिन वहीं खेलती थी।
वो जगह जहां लोग भी एक-दूसरे को जानते थे। बच्ची अपने दोस्त 12 साल के लड़के के साथ वहां खेल रही थी। जब बहुत देर हो गई तो मां बच्ची को ढूढ़ने घर के काम निपटा कर बाहार आई जब बच्ची उन्हें वहां नहीं दिखी तो मां को फिक्र हुई जहां उन्होंने बच्ची को खेलने वाले स्थान पर ढूढना शुरू किया। जब बच्ची का को ई पता नहीं चला तो गांव के कुछ लोग इकट्ठा हुए और खोजबीन शुरू हुई। सब जगह ढूंढा गया। नदी, नाले, खेत हर कहीं खोजा जाने लगा, लेकिन बच्ची किसी को नजर नहीं आई।
Read More: भतीजे ने चाचा को गोली मारकर की हत्या, जांच में जुटी पुलिस
मेरे पापा बच्ची को खेत की तरफ ले गए थे
वहीं बच्ची के साथ खेल 12 साल के बालक ने बताया कि “मेरे पापा बच्ची को खेत की तरफ ले गए थे” 12 साल का वो बच्चे ने बताया,“मैं बच्ची के साथ खेल रहा था। तभी पापा बाहर से सामान लेकर आए। उन्होंने मुझे सामान का थैला दिया और अंदर जाकर मां को देने के लिए कहा। मैं घर गया, मां को थैला दिया और भागकर खेलने के लिए वापस आ गया।”
बच्चे ने बताया कि जब मैं वापस आया तो पापा उस बच्ची को जबरदस्ती पकड़कर ले जा रहे थे। मैंने आवाज लगाई, पापा ने मुड़कर देखा तो बच्ची उनसे हाथ छुड़ा कर भाग गई। मैं पापा के पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे पीटा और बच्ची को पकड़कर लाने के लिए कहा। मैंने दौड़कर बच्ची को पकड़ा और पापा के पास ले गया। पापा ने मुझे डांटकर घर जाने को कहा और बच्ची को वो अपने साथ ले गए।
आरोपी ने किया कबुलनामा
वहीं बच्चे के बताये अनुसार मासूम की मां आरोपी के पास पहुंची। बता दे कि आरोपी की उम्र करीब 40 साल है। उसके 4 बच्चे हैं, तीन लड़कियां और एक लड़का। जब बच्ची की मां उसके घर पहुंची तो वो घर के बाहर बैठकर शराब पी रहा था। उसके घर के सामने गांव वालों की भीड़ जमा हो गई। सभी ने उस पर चिल्लाना शुरू किया। लेकिन वो बच्ची को ले जाने की बात से मना करता रहा था। वहीं बच्ची ना मिलने पर गांव वालों ने पुलिस को फोन कर दिया था। दूसरी तरफ आरोपी और गांव वालों के बीच झड़प शुरू हो गई। दो लोग आरोपी के पक्ष से भी बोलने लगे। बच्ची की मां को यह सब बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
उसने पास में पड़ी ईंट उठाई और आरोपी को मारने के लिए दौड़ी। गांव वालों ने भी उसे घेर लिया। तब आरोपी ने कबूला कि वही बच्ची को लेकर गन्ने के खेत की तरफ गया था। शराब के नशे में उसने बच्ची की मां से कहा कि तेरी बेटी बहुत चिल्लाती है। मैंने जब उसे पकड़ा तब भी वो जोर-जोर से चीख रही थी। इसलिए मैंने उसका गला दबाकर तालाब में फेंक दिया।
शरीर का निचला हिस्सा खून से था लथपथ
वहीं आरोपी के दिए बयान के अनुसार गांव वाले तालाब की तरफ भागे। पुलिस ने उस इलाके का घेराव कर लिया, वहीं बच्ची की मां को भी घटना स्थल से दूर रोक लिया गया था। करीब 15 मिनट बाद पुलिस को तालाब के किनारे एक बच्ची पड़ी मिली। जहां आरोपी ने बच्ची का गला दबाकर फेंका था देखने के बाद पता चला कि वो जिंदा थी। मगर बेहोश अवस्था में थी। पूरा शरीर गीला था और शरीर के निचला हिस्सा खून से था लथपथ था। बच्ची की ऐसी हालत देख उन्होंने बच्ची को बाराबंकी अस्पताल में भर्ती करा दिया।
मां ने बच्ची के शरीर के हाल को किया बयां
मां ने बताया कि उनकी छोटी बच्ची का शरीर दर्द में ऐंठ रहा था, कभी खून चढ़ता तो कभी ग्लूकोस बच्ची की मां बताती हैं कि हम भागे-भागे जब अस्पताल पहुंचे। अपनी बच्ची को देखा तो पैरों तले मानों की जमीन खिसक गई। बच्ची के शरीर का निचला हिस्सा गंभीर रूप से जख्मी था। उसके छोटे से शरीर पर नोच खरोंच के बहुत निशान थे। मुंह पर उंगलियां छपी थीं। जैसे किसी ने पूरी ताकत से दबाया था। मां ने बताया कि डॉक्टर ने मरहम-पट्टी कर बहते हुए खून को रोका और हाथ खड़े कर दिए।
वो इतना सीरियस मामला हैंडल नहीं कर सकते थे। बाराबंकी में उनके पास इतने संसाधन ही नहीं थे। मेरी बच्ची को लखनऊ के KGMU रेफर कर दिया गया। चोटें इतनी गहरी थीं कि उसकी पहली सर्जरी करीब तीन घंटे तक चली। बच्ची के शरीर पर टांके लगाए गए। पेट की तरफ चीरा लगाकर उसमें पाइप डाला। नाक में नली लगाई गई। मेरी बच्ची का छोटा सा शरीर दर्द में ऐंठ रहा था।
बच्ची ने बताई आपबीती
वहीं जब बच्ची थोड़ी ठीक हुई, उसने पूरी घटना को बताया, घंटों तक उससे पहले कुछ बोला नहीं गया। मां ने जब उसे संभाला और घुमा-फिराकर उस दिन की पूरी बात जानने की कोशिश की। तब बच्ची ने बताया कि मैं भैया के साथ घर के बाहर खेल रही थी तो बाबा(आरोपी) वहां आए। बाबा ने भैया को अंदर भेजा और मेरा हाथ घसीटकर मुझे खेत की तरफ ले जाने लगे। मैंने चिल्लाया कि मुझे घर जाना है तो उन्होंने मुझे बहुत मारा। मैं भागकर घर आने लगी तो भैया ने मुझे पकड़ लिया।
फिर बाबा मुझे खेत में ले गए। मैं रोने लगी तो उन्होंने मेरा मुंह दबा दिया। उन्होंने मुझे लिटा कर गंदा पानी (शराब) पिलाया। उन्होंने मेरी पैंट उतारी और मेरी पेशाब करने वाली जगह को बार-बार छूने लगे। फिर उसमें गन्ना डाल दिया। उसके बाद मैं मर (बेहोश) गई। बच्ची बताती है कि जब उसे होश आया तो वो तालाब के किनारे पानी में पड़ी थी। खिसक कर बाहर आई और फिर से बेहोश हो गई।
जब से उसके साथ ये हादसा हुआ है, वो मुझसे चिपकी रहती है। एक रात भी पूरी नींद नहीं सोई। चौंक कर जाग उठती है। रात में चीख कर रोने लगती है। वो जागते हुए तो ज्यादा कुछ नहीं बोलती, लेकिन नींद में उसका डर जाग जाता है। डॉक्टरों ने उसकी दूसरी सर्जरी के लिए भी कहा है। लेकिन अभी बच्ची की हालत इतनी नाजुक है कि वो सर्जरी नहीं हो पाएगी।
डॉक्टरों ने किए हाथ खड़ें
डॉक्टरों ने बच्ची की मां को बताया कि उसके शरीर का निचला हिस्सा खराब हो चुका है। इसलिए सर्जरी के बाद भी चांसेज हैं कि वो बच्ची कभी मां नहीं बन पाएगी। वहीं पुलिस ने आरोपी दूसरे दिन ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं बच्ची के परिवार चाहता है कि जल्दी से जल्दी फांसी की सजा सुनाई जाए।
निर्ष्कष- मगर ये समाज आखिर क्यों बेटियों को जीने नहीं दे रही क्यों उन पर अत्याचार कर रही है जिस कोख से वो खुद इस दुनिया में आये हैं मां जो अपने बच्चों को 9 माह के लिए कोख में पालती हैं और उसको इस दुनिया में लाती हैं कि उसकी बेटी या बेटा सब एक समान है और इस दुनिया में उसका नाम रोशन करेंगे तो क्यों ये दरिंदे अपनी मां की कोख को बदनाम कर रहें ऐसे में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों को देखकर यहीं लगता है कि जब ऐसे अपराध करने वाले बेटियों को ही नोचने में लगे हुए है तो ऐसे लोगों को बेटियां भी जन्म देना बंद कर दें।