NIA Action: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी गुट अल कायदा की भारत में अशांति फैलाने की साजिश का भंडाफोड़ करने के लिए छह राज्यों में व्यापक स्तर पर छापेमारी की। यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने और उनकी साजिशों को रोकने के उद्देश्य से की गई है। इस छापेमारी में जम्मू-कश्मीर, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, त्रिपुरा, और असम के नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां संदिग्ध गतिविधियों की खुफिया जानकारी मिली थी।
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बांग्लादेश से भारत में अशांति फैलाने की है साजिश
जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि अल कायदा का यह नेटवर्क बांग्लादेश से संचालित होता था, जिसका उद्देश्य भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना और युवाओं को बरगलाना था। पिछले कुछ महीनों से NIA इन आतंकी संगठनों पर गहरी नजर रखे हुए थी, जिसके तहत एजेंसी ने कई संदिग्धों की गतिविधियों की जांच की। बांग्लादेश में रची इस साजिश में बांग्लादेशी नागरिकों के साथ भारत में रहने वाले कुछ स्थानीय नागरिक भी शामिल थे, जो कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए थे।
बैंकिंग लेनदेन और डिजिटल सबूतों के जरिए हुआ खुलासा

NIA की छापेमारी के दौरान संदिग्धों के ठिकानों से बैंकिंग लेनदेन से जुड़े कई दस्तावेज, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं। इन सबूतों के जरिए आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण और संदिग्धों के साथ जुड़ी कई गतिविधियों का खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी का कहना है कि ये दस्तावेज बताते हैं कि इन संदिग्धों का उद्देश्य अल कायदा के नेटवर्क को आर्थिक सहायता देना और कट्टरपंथ को बढ़ावा देना था।
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गिरफ्तार आरोपियों के थे नापाक मंसूबे
इस मामले में NIA ने पहले ही चार बांग्लादेशी नागरिकों और एक भारतीय नागरिक को हिरासत में लिया था। बांग्लादेशी नागरिकों में मोहम्मद सोजिब मियां, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजारुल इस्लाम उर्फ जहांगीर, अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी शामिल हैं। इनके अलावा भारतीय नागरिक फरीद को भी गिरफ्तार किया गया है। इन सभी पर अल कायदा के लिए धन जुटाने, फर्जी दस्तावेज बनाकर देश में रह रहे युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाने के आरोप हैं। NIA ने इन लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए हैं, जो उनके आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता को दर्शाते हैं।
NIA की सख्त कार्रवाई से आतंकी साजिश का हुआ खुलासा
जांच एजेंसी के अनुसार, छापेमारी के दौरान मिली जानकारी से पता चलता है कि ये आरोपी भारतीय युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने और अल कायदा की विचारधारा को फैलाने का काम कर रहे थे। इसके लिए बांग्लादेशी आतंकी संगठनों से ये लोग फंड प्राप्त करते थे और उसे आतंकी गतिविधियों में लगाते थे। NIA की यह छापेमारी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इस अभियान में जुटाए गए सबूत आतंकियों की जड़ों तक पहुंचने और उनके मंसूबों को खत्म करने में अहम साबित होंगे। NIA के अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि आतंकियों की जड़ें पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जातीं।