Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, राज्य सरकार ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है, जिससे उसे चुनावी लाभ मिल सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद इस योजना को हरी झंडी दे दी गई है। महाराष्ट्र, यूपीएस को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है, जो मुख्यमंत्री शिंदे की सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
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मार्च 2024 से लागू होगी यूपीएस
केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी थी, जिसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की थी। सरकार ने कहा था कि यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए इसे मार्च 2024 से ही लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिंदे की कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर अंतिम मुहर लगाई गई। इससे लाखों राज्य कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से लाभ मिलने लगेगा, जो सरकार के लिए चुनावी मैदान में एक बड़ा ट्रम्प कार्ड साबित हो सकता है।
विपक्ष की चुनौती को कुचलने की कोशिश
महाराष्ट्र में विपक्षी दल लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने की मांग कर रहे थे। यह मुद्दा चुनावी माहौल में काफी गर्म हो चुका था, लेकिन सरकार ने यूपीएस को लागू कर विपक्ष की आवाज को कमजोर करने की कोशिश की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल को मजबूत स्थिति में ला सकता है, खासकर उन कर्मचारियों के बीच जो पेंशन सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
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कैबिनेट की बैठक में लिए गए 19 अहम फैसले
कैबिनेट बैठक में सिर्फ यूनिफाइड पेंशन स्कीम ही नहीं, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं। इनमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक निगम बनाने का निर्णय भी शामिल है, जिसका लाभ राज्य के करीब 50 लाख वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने नार-पार-गिरणा नदी जोड़ परियोजना के लिए 7 हजार 15 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
किसानों और श्रमिकों को भी राहत
सरकार ने किसानों को दिन में निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने की योजना को भी मंजूरी दी है। इसके तहत किसानों को दिन के समय बिना किसी बाधा के बिजली मिलेगी, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों को बेहतर समर्थन मिलेगा। यह योजना राज्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही, सरकार ने सहकारी चीनी मिलों को सरकारी गारंटी के तहत ऋण अदायगी की भी व्यवस्था की है, जो इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने में सहायक होगी।
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ग्रुप प्रमोटर श्रमिकों की संख्या में होगी बढ़ोतरी
कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य फैसलों में ग्रुप प्रमोटर श्रमिकों की संख्या में 4,000 की बढ़ोतरी का भी फैसला शामिल है। इस फैसले से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और श्रमिकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा, ओलंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत पदक दिलाने वाले खाशाबा जाधव कुश्ती परिसर के कार्य को गति देने का निर्णय लिया गया है, जिससे खेल सुविधाओं में सुधार होगा। सरकार ने मुंबई में झुग्गी बस्ती पुनर्वास योजना को भी प्राथमिकता दी है, जिसका लक्ष्य इस योजना को जल्द से जल्द पूरा करना है। यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है जो बेहतर आवास की उम्मीद में हैं।
राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक या जनहित में फैसला?
महाराष्ट्र सरकार के इन फैसलों को आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के त्वरित लागू करने का निर्णय, विशेष रूप से कर्मचारियों के बीच, सरकार के प्रति सकारात्मक माहौल पैदा करेगा। साथ ही, विपक्ष की पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को भी यह योजना कमजोर कर सकती है। यह देखा जाना बाकी है कि यह फैसला चुनावी रणनीति के रूप में कितना सफल होगा। हालांकि, यह जरूर कहा जा सकता है कि सरकार ने राज्य के लाखों कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास किया है।