ठंड के मौसम में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जैसे साइनस की समस्या, माइग्रेन, न्यूरोपैथी, स्ट्रोक और आर्थराइटिस की स्थिति बिगड़ सकती है। इस समय शरीर में रक्त संचार धीमा होता है, जिससे तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, ठंड से शरीर में मांसपेशियों में जकड़न, रक्त वाहिकाओं में संकुचन और हड्डियों के जोड़ में दर्द बढ़ सकता है, जो न्यूरोलॉजिकल बीमारियों को बढ़ावा देता है।
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सही आहार ले
ठंड में शरीर को ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। विटामिन D, कैल्शियम, ओमेगा-3, और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें। हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, और ताजे फल सर्दियों में खाने के लिए अच्छे होते हैं।
सार्वजनिक स्वास्थ्य निवारण उपाय
अगर आप पहले से ही न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित हैं, तो ठंड के मौसम में अधिक सतर्क रहें। खासकर, न्यूरोपैथी या मांसपेशियों के दर्द वाले मरीजों को गर्म पानी से स्नान करने और गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है।
व्यायाम करें
नियमित व्यायाम से शरीर का रक्त संचार बढ़ता है और तंत्रिका तंत्र को भी मदद मिलती है। योग, स्ट्रेचिंग, और हल्की एरोबिक एक्सरसाइज करें। ठंड में घर के अंदर ही व्यायाम करना सुरक्षित होता है।
गर्म कपड़े पहनना
सर्दियों में तंत्रिका तंत्र को शीतलता से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनना आवश्यक है। सिर, हाथ और पैरों को गर्म रखें क्योंकि ये शरीर के संवेदनशील हिस्से होते हैं।
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पर्याप्त नींद
ठंड के मौसम में शरीर को ठीक से आराम की आवश्यकता होती है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से बचने के लिए 7-8 घंटे की नींद लें।
तनाव कम करें
ठंड के मौसम में मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। स्ट्रेस और चिंता, तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती है। ध्यान और श्वास व्यायाम से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।