Israel News: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को अपने रक्षा मंत्री योव गैलेंट को अचानक बर्खास्त कर दिया। नेतन्याहू ने कहा कि उनके और गैलेंट के बीच ‘विश्वास का संकट’ इस हद तक बढ़ गया था कि गाजा और लेबनान में चल रहे युद्ध प्रबंधन में बाधाएं पैदा हो रही थीं। नेतन्याहू ने अपनी और गैलेंट की टकराहट को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि गाजा और लेबनान में इजरायल के सैन्य अभियानों की शुरुआती सफलता दोनों के सहयोग का परिणाम थी।
लेकिन कुछ महीनों से बढ़ते मतभेदों ने उनके बीच विश्वास को समाप्त कर दिया, जिससे दुश्मनों को इसका फायदा मिला। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “युद्ध के समय प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के बीच विश्वास का होना बेहद आवश्यक है। प्रारंभिक अभियानों में इस विश्वास ने मजबूती से काम किया, परंतु धीरे-धीरे यह विश्वास टूटता चला गया।”
विदेश मंत्री इजरायल काट्ज बने नए रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री की बर्खास्तगी के बाद नेतन्याहू ने तुरंत ही इजरायल काट्ज को इस पद पर नियुक्त कर दिया है। काट्ज पहले से ही सुरक्षा मामलों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं और नेतन्याहू को विश्वास है कि वे इस चुनौतीपूर्ण समय में सेना और सरकार के बीच तालमेल बिठाएंगे। इसके साथ ही, गिदोन सा’आर को इजरायल का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है।
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गैलेंट ने बर्खास्तगी पर क्या कहा?
बर्खास्तगी के बाद योव गैलेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “इजरायल की सुरक्षा हमेशा मेरे जीवन का मिशन रही है और हमेशा रहेगी। जो भी हो, मैं अपने देश की सेवा जारी रखूंगा।” गैलेंट की यह प्रतिक्रिया इजरायली जनता के लिए एक बड़ा संदेश है कि उन्होंने इस फैसले को व्यक्तिगत रूप से नहीं लिया है।
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नेतन्याहू ने किए मतभेद खत्म करने के प्रयास
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने गैलेंट के साथ मतभेदों को सुलझाने की पूरी कोशिश की थी। उन्होंने कहा, “हमारे विचारों में असहमति इस कदर बढ़ गई थी कि हमारे दुश्मन इसका फायदा उठा रहे थे। ऐसे में सुरक्षा का सवाल बड़ा है और मैंने इस कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय को लिया।”
गाजा और लेबनान के साथ जारी संघर्ष के बीच सियासी संकट
गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब इजरायल कई मोर्चों पर जूझ रहा है। गाजा और लेबनान में इजरायली सेना प्रत्यक्ष युद्ध में है, वहीं ईरान के साथ भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि नेतन्याहू की यह रणनीति गाजा और लेबनान में इजरायल की स्थिति को कितना मजबूत करती है।