NEET Paper Leak: देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (NEET) में पेपर लीक (NEET Paper Leak) और गड़बड़ी के मामले ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। इस कांड को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। इस बीच, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए पहला आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर कर दिया है। सीबीआई की चार्जशीट में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन आरोपियों में नीतिश कुमार, अमित आनंद, सिकंदर यदुवेंदु, आशुतोष कुमार -1, रोशन कुमार, मनीष प्रकाश, आशुतोष कुमार-2, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार और आयुष राज के नाम शामिल हैं।
भुवनेश्वर से तीन और गिरफ्तार
सीबीआई ने अपनी कार्रवाई को तेज करते हुए भुवनेश्वर से तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी रंजीत कुमार, अमित प्रसाद और धीरेंद्र कुमार सेटर गैंग के सदस्य बताए जा रहे हैं। सीबीआई की जांच में ओडिशा के भुवनेश्वर में पेपर लीक मामले के तार जुड़ते दिखाई दिए, जिसके बाद इन तीनों को गिरफ्तार किया गया। सीबीआई को उम्मीद है कि इन गिरफ्तारियों से पेपर लीक मामले में और भी अहम सुराग मिल सकते हैं, साथ ही संजीव मुखिया और अतुल वत्स जैसे बड़े सेटरों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो सकती है।
सीबीआई की रिमांड पर आरोपी
गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को 5 अगस्त तक के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है। इससे पहले सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में मुंबई से एक सॉल्वर रौनक को गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार, रौनक ने 5 मई को झारखंड के हजारीबाग में अन्य छात्रों के साथ मिलकर प्रश्न पत्र हल किया था। कोर्ट ने रौनक को 3 अगस्त तक सीबीआई रिमांड में भेजा है।
मेडिकल कॉलेज के छात्रों की गिरफ्तारी
सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में पटना एम्स (AIIMS Patna) से चार, रांची रिम्स (Ranchi Rims) से एक और भरतपुर मेडिकल कॉलेज के दो छात्रों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले सॉल्वर दीपेंद्र शर्मा, कुमार मंगलम विश्नोई और सेटर शशिकांत पासवान को भी गिरफ्तार किया गया था। सॉल्वर दीपेंद्र शर्मा और कुमार मंगलम विश्नोई भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं, जबकि शशिकांत पासवान पटना का रहने वाला है।
यह घटना शिक्षा व्यवस्था के प्रति हमारी जिम्मेदारी और सख्त नियमों की जरूरत को उजागर करती है। नीट जैसी परीक्षा का पेपर लीक होना न केवल उन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जो कठिन परिश्रम करते हैं, बल्कि यह समाज के प्रति एक बड़ा धोखा भी है। सीबीआई की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। नीट पेपर लीक कांड ने पूरे देश में शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह आवश्यक है कि परीक्षा प्रणाली को और भी सख्त और सुरक्षित बनाया जाए ताकि छात्रों का विश्वास बहाल हो सके। इस घटना से हमें सीख लेनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।