NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट में नीट पेपर लीक मामले में आज सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुना दिया। इस सुनवाई के दौरान आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है,उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा। SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया।

वहीं इस फैसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते, सत्य की जीत हुई। केंद्र सरकार कहती रही है कि बड़े पैमाने पर पेपर लीक नहीं हुआ है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही ठहराया है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) दो दिनों के भीतर नीट-यूजी के अंतिम परिणाम घोषित करेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मंगलवार को नीट-यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित तरीके से लीक होने के सबूत नहीं है। परीक्षा को दोबारा आयोजित कराना न्याय संगत नहीं होगा। इसके बाद शीर्ष अदालत ने दोबारा परीक्षा कराने से इंकार कर दिया।
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अभी तक जांच है अधूरी- CJI

सीजेआई ने कहा कि अभी तक जांच अधूरी है. हमने केंद्र से भी जवाब मांगा था कि 4750 केंद्रों में से कहां-कहां गड़बड़ी रही. हालांकि, आईआईटी मद्रास ने भी मामले की समीक्षा की। अभी तक उपलब्ध सामग्री के हिसाब से यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि परीक्षा की पवित्रता पूरी तरह प्रभावित हुई है।
परीक्षा रद्द करने पर क्या बोला कोर्ट?

पीठ ने कहा, “क्या गोधरा प्रभारी के पास से कोई हल किया हुआ प्रश्नपत्र बरामद हुआ था?”इस पर महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा, “सब कुछ सील कर दिया गया है और वापस ले लिया गया है।इसके जवाब में CJI ने कहा, “ऐसा लगता है कि गड़बड़ी पटना और हजारीबाग में हुई है। इसके बाद हमारे पास केवल आंकड़े ही बचे हैं। क्या हम केवल इसके आधार पर कोई परीक्षा रद्द कर सकते हैं?”