Afghanistan : अफगानिस्तान में भूकंप के झटकों ने अफगानिस्तान की धरती हिल उठी है। वहीं वंहा के लोगों के बिच तबाही मचा गई है। जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के पश्चिम में शक्तिशाली भूकंप के झटके से लगभग 2,000 लोग मारे गए हैं। ज्यादा लोगों के मौत के साथ कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। वहीं भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई। अफगानिस्तान के आपदा प्रबन्धन टीम ने कहा कि भूकंप की ज़द में आकर कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए, इसके साथ लगभग 320 से ज्यादा लोगों के मौत के साथ कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है।
Read more : Nokia G42 5G पर मिल रही धमाकेदार छूट, कम में खरीदने का मौका
Read more : छात्रों ने एस यू कॉलेज के प्राचार्य का फूका पुतला..
कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं…
अफगानिस्तान में लगातार भूकंप आने से सैकड़ो स्थानीय लोग अपने अपने मकानों, दफ्तरों और दुकानों से बाहर निकलकर सड़क पर आ गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान के फराह और बदघिस प्रांत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।भूकंप ने हेरात शहर से लगभग 40 किमी (25 मील) दूर कई गांवों को तबाह कर दिया है, इसके साथ कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं और लोग अभी भी मलबे के ढेर में फंसे हुए हैं लोगों द्वारा कम से कम तीन शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। जिंदा बचे लोगों ने खौफनाक मंजर का वर्णन किया जब कार्यालय की इमारतें पहले हिलीं – और फिर उके चारों ओर ढह गईं।
तीव्रता 6.3, 5.9 और 5.5 थी..
आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जान ने कहा कि हेरात प्रांत के ज़ेंडा जान जिले के चार गांवों को भूकंप और उसके बाद के झटकों से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था, इसके बाद तीन बहुत इसके बाद तीन बहुत तेज़ झटके आए, जिनकी तीव्रता 6.3, 5.9 और 5.5 थी, साथ ही कम झटके भी आए।
Read more : सड़क किनारे बेसुध हालत में मिली महिला, दुष्कर्म का दर्ज हुआ केस..
भुकप होता क्या है..
जानकारी के मुताबिक हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार परतों से बनी है। यानी इनर कोर (Inner Core), आउटर कोर (Outer Core), मैंटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust)।बता दे कि क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है। इसके बाद होता है मैंटल। ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर (Lithosphere) लीथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है। जो अलग-अलग परतों वाली प्लेटस भी कहते है।धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं।और ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं।बता दे कि जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं। तो रगड़ती हैं। इसके साथ एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूरजाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है।वहीं इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते है।