Tamil Nadu: तमिलनाडु अभी तक चक्रवाती तूफान मिचौंग के प्रभाव से उभर नहीं पाया कि भारी बारिश और जलभराव जैसी समस्या लोगों के सामने आ कर खड़ी हो गई है। ऐसे में वहां रह रहे लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश और जल भराव के कारण लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे है। खाने पीने की समस्या से लोगों को जूझना पड़ है।
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राजनाथ सिंह: केंद्र की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी
भारी बारिश और जल भराव का कहर देख कर एनडीआरएफ की टीम थूथुकुडी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची। वहां रह रहे लोगों के घरों में जाकर उन्हें राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं। भारी बारिश के कारण स्कूली छात्रों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। थूथुकुडी के अलावा तिरुनेलवेली, तेनकासी और कन्याकुमारी अभी भी भारी बारिश के कारण जूझ रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तमिलनाडु को केंद्र की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी।
10 लोगों की जान गई
आपको बता दे कि तिरुनेलवेली, तूत्तुक्कुडि, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों में 17 और 18 दिसंबर को हुई रिकॉर्ड बारिश ने क्षेत्र के कई हिस्सों में कहर बरपाया, जिससे 10 लोगों की जान चली गई।
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सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी से की मुलाकात
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने मंगलवार को नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की और मिचौंग तूफान और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और आपदा राहत कोष प्रदान करने का अनुरोध किया। सीएम स्टालिन ने कहा कि 100 साल के इतिहास में दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इसलिए तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों के लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए आपदा राहत कोष से 2000 करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत है।