उत्तराखण्ड: आज के दिन यानि 16 जून 2013 को केदारनाथ में कुदरत का कहर बरपा था। जिसमें 6 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, हजारों लोग लापता हो गए थे, 4500 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए थे लेकिन इस घटना को हुए आज दस साल हो चुके हैं। केदारनाथ आपदा अब भी उत्तराखंड के लोगों के जहन में तबाही के जख्म हैं। लेकिन अब इन दस सालों में बहुत कुछ बदलाव हो चुका हैं रास्तों से लेकर कस्बों तक में लेकिन एक चीज़ जो आज तक नहीं बदली वो है केदारनाथ के प्रति लोगों की आस्था। आज भी लाखों की संख्या में रोज श्रद्धालु अपनी आस्था लेकर पहुंच रहे हैं। धीरे–धीरे पुराने धर्रे पर लौट रही हैं जिंदगी और इसी के साथ–साथ निर्माण कार्य भी चल रहा है। केदारघाटी ने अपने को सम्भालते हुए पटरी पर लौटने की कोशिश की है। अब केदारनाथ की यात्रा में पहले जैसी रौनक है।
पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट, 10 साल बाद की बदलती तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास लगाव व विजन के बाद अब केदारपुरी भव्य हो गई है। वहीं उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदार के धाम में चल रहे सभी पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते हुए कहा कि धाम पर आने वाले दर्शनार्थियों की आवासीय सुविधा के लिए 148 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की जानी है। केदारनाथ पुनर्निर्माण तीन चरणों में शुरू किया गया। पहले चरण में मंदिर परिसर का विस्तार, संगम के नजदीक गोल प्लाजा और मंदिर परिसर तक जाने वाले रास्ते पर कटवा पत्थर बिछाया गया।साथ ही मंदाकिनी नदी के तट पर सुरक्षा कार्य, सेंट्रल स्ट्रीट, गुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती आस्था पथ व घाट, मंदिर परिसर के दोनों तरफ भवनों की सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण और ध्यान गुफा का निर्माण किया गया। दूसरे चरण में 197 करोड़ रुपये की लागत के पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे है।
इसमें केदारनाथ में मंदाकिनी नदी की तरफ वाटर एटीएम, गौरीकुंड में सुरक्षा गेट का निर्माण, सरस्वती नदी की तरफ वाटर एटीएम का निर्माण, सोनप्रयाग में रेन सेल्टर काम पूरा हो गया है, जबकि सरस्वती व मंदाकिनी नदी के संगम पर घाट का पुनर्निर्माण, 50 बेड का अस्पताल, पर्यटन सुविधा केंद्र, मंदाकिनी नदी के तट पर मध्य क्षेत्र में समावेशी अवस्थापना कार्य हो रहा। इसके अलावा आस्था पथ पर पंक्ति प्रबंधन, रेन सेल्टर, सीढ़ी, संग्रहालय, प्रशासनिक भवन, मंदाकिनी नदी पर बने आस्था पथ पर रेन सेल्टर का निर्माण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, केदारनाथ में 54 मीटर स्पान पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। सरकार ने इन कार्यों को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।