बाढ़ संवाददाता : अभिरंजन कुमार
Bihar : पटना के द्वारा राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तत्वाधान में बाढ़ प्रखंड के बेढ़ना गाँव में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों को पोषण वाटिका कीट के साथ-साथ मोटे अनाज में मड़ुआ का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अच्छा पोषण युक्त आहार अच्छे स्वास्थ्य की नींव रखना है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ऐसे हैं जो अच्छे पोशण के महत्व से अनजान है या उनके पास पोषण युक्त आहार की कमी है, जिसके चलते वहाँ के बच्चे आसानी से कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
पोषण युक्त आहार के फायदे
वर्ष 2023 के राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का थीम स्वस्थ आहार सभी के लिए किफायती हो रहा है। इस कार्यक्रम को प्रत्येक वर्ष 01-07 सितंबर तक आयोजित किया जाता है। केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने बतलाया कि इस पोषण सप्ताह कार्यक्रम के माध्यम से देश में लगातार बढ़ रही कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए ही इस कार्यक्रम की नींव रखी गयी है ताकि ग्रामीण जन-जीवन को कुपोषण से बचाया जा सके। उन्होंने बतलाया कि पोषण युक्त आहार के बहुत से फायदे हैं।
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पुरानी बीमारियों से लड़ने की देता है ताकत
यह हमें अपनी जीवनशैली को व्यवस्थित करने के लिए उनर्जी देता है। पोषण युक्त खाना शरीर को स्वास्थ बनाए रखता है। पुरानी बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है और किसी नयी बीमारी को पास आने से भी बचाता है। केन्द्र के द्वारा वितरण किये गये रागी एवं मड़ुआ में कई प्रकार के पोषक तत्वों में यथा कैल्सियम, आयरन, जिंक, मैग्नेशियम आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए काफि फायदेमंद हैं। इसलिए मड़ुआ आटा के विभिन्न उत्पाद जैसे रोटी, लडडु, नमकीन, बिस्कीट इत्यादि बनाकर बच्चों तथा सभी वर्गों के आहार में शामिल कर सकते हैं जिससे कि कैल्सियम एवं आयरन की कमी को दुर किया जा सके। बिहार में 70 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं एनीमिया (खुन की कमी) से ग्रसित हैं।
मड़ुआ के सेवन से एनीमिया जैसे भयंकर बिमारी से बचा जा सकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को पोषण युक्त आहार लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि हर घर कुपोषण मुक्त हो और साधारण लोग भी स्वस्थ जीवन जिएं।