Women Reservation Bill: भारत के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी की अगुवाई में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बीते दिन मंगलवार यानी 19 सितंबर को नई संसद में महिला आरक्षण विधेयक बिल पेश किया था। इस बिल को लेकर पूरे दिन सदन की कार्यवाई चली। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव पेश किया था।
महिला आरक्षण बिल पर जिस तरह हर दल का साथ मोदी सरकार को मिल रहा है, उस लिहाज से संसद के दोनों सदनों से बिल पास हो जाएगा, लेकिन उसके बाद भी इसे अमली जामे तक पहुंचने में कई अड़चने और रोड़े है। वहीं कांग्रेस ने भी इस बिल का स्वागत किया है। महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि यह कांग्रेस का बिल है। इस बिल को कांग्रेस लेकर आई थी। मार्च 2010 में ये राज्यसभा से पास हो गया। रंजन ने बताया कि भाजपा को सत्ता में आए करीब 10 साल होने वाले है।
क्या है महिला आरक्षण
देश की महिलाओं को आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी सुनिश्चित करता है, हालांकि यह राज्यसभा, विधान परिषद या विधान मंडलों के चुनाव में लागू नहीं होगा। बता दें कि सबसे पहले 12 सितंबर 1996 को देश के प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की सरकार ने 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में ससंद में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया था।
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अखिलेश यादव ने अलग से आरक्षण की मांग
समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी महिलाओं को भी अलग से आरक्षण मिलना चाहिए। इसके साथ ही उनकी पत्नी डिंपल यादव ने कहा कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए। महिलाओं को आरक्षण अच्छी बात है लेकिन ओबीसी कोटा बरकरार रखा जाना चाहिए। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने भी कहा है कि आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।
बसपा सुप्रीमों ने बिल का किया स्वागत
नई संसद में महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी इस बिल का स्वागत किया है। उन्होंने मंगलवार (19 सितंबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिल के समर्थन की घोषणा की थी। इसके आलावा उन्होंने एससी/एसटी समुदायों के लिए मौजूदा आरक्षण के प्रावधान को लागू रखने की मांग की थी।
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कांग्रेस का समर्थन
इसके साथ ही कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पिछड़ा वर्ग आरक्षण की मांग की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर ओबीसी आरक्षण नहीं मिलेगा तो उन महिलाओं के साथ भी अन्याय होगा।
ओवैसी की मांग
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने ओबीसी आरक्षण की मांग दुहाराया, उन्होंने कहा कि ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का कोटा सुनिश्चित होना चाहिए। उनके आरक्षण में कोई कटौती नही होनी चाहिए।