सुल्तानपुर संवाददाता- आशुतोष श्रीवास्ताव
Sultanpur: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में ऐतिहासिक दुर्गापूजा महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर में जगह-जगह पूजा पंडाल बनाने के लिए कारीगरों ने बांस-बल्ली लगानी शुरू कर दी है। पंडालों में स्थापित होने वाली देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार भी जुट गए हैं। बंगाल से आए पूजा पंडाल बनाने में कारीगर लग गए हैं। अगर देखा जाए तो कलकत्ता शहर के बाद अगर दुर्गापूजा की भव्यता और दिव्यता का दीदार करना हो तो उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर ही माकूल विकल्प है। और पांच दिनों तक अलग अलग तरह से होने वाली भव्य सजावट और दुर्गा जी की भक्ति जागरण से शहर अलौकिक हो उठता है। इसे देखने के लिए विभिन्न जिलों भर से लोग यहां पर शामिल होते है।
200 से अधिक स्थानों पर पूजा पांडाल सजेंगे
दरअसल आपको बता दे की जिले का दुर्गापूजा महोत्सव विजयादशमी से शुरू हो जाता है। इस बार 24 अक्तूबर को विजयदशमी का पर्व पड़ रहा है। इस दिन से पूजा महोत्सव चरम पर हो जाता है। पूजा समितियों की ओर से बनवाए जा रहे पंडालों के निर्माण में तेजी आ गई है। कारीगर पंडालों के निर्माण में जुटे हुए हैं। मूर्तिकार भी रंग-रोगन कर प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। शहर के चौक, ठठेरीबाजार समेत अन्य स्थानों पर कारीगरों ने बांस-बल्ली के सहारे पंडालों को देवस्थानों का रूप देना शुरू कर दिया है। शहर व उससे सटे ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 200 से अधिक स्थानों पर पूजा पांडाल सजेंगे। 64 वर्षों का इतिहास समेटे दुर्गापूजा महोत्सव गौरतलब है कि वर्ष 1959 में जिले में दुर्गापूजा का शुभारंभ ठठेरी बाजार में भिखारीलाल सोनी व उनके सहयोगियों ने कराया था।
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20 अक्तूबर को देवी प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी
यहां से शुरू हुआ दुर्गापूजा का सिलसिला समय के साथ बढ़ता ही गया। भिखारीलाल के चचेरे भाई बाबा राधेश्याम सोनी बताते हैं कि दूसरी मूर्ति की स्थापना रुहट्ठा गली में बंगाली प्रसाद सोनी ने 1961 में कराई। वर्ष 1970 में दो प्रतिमाएं और जुड़ीं। उसके अगले वर्ष कालीचरन ने श्री संतोषी माता और राजेंद्र प्रसाद (रज्जन सेठ) ने मां सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना कराई थी। इस बार के महोत्सव की रूपरेखा दुर्गापूजा महोत्सव के अंतर्गत 15 अक्तूबर को पंडालों में कलश स्थापना होगी। 20 अक्तूबर को देवी प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। 22 अक्तूबर को महाअष्टमी व्रत पर पंडालों में अनुष्ठान होंगे। 23 को महानवमी हवन का होगा।
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24 अक्टूबर को दशहरा
24 अक्तूबर को विजयदशमी के दिन से महोत्सव चरम पर रहेगा। 25 अक्तूबर को शहर में भरत मिलाप कार्यक्रम होगा। 27 अक्तूबर को पूर्णाहुति यज्ञ होगा। 28 अक्तूबर को शहर में मूर्ति रथ यात्रा एवं विसर्जन शोभा यात्रा निकलेगी। केंद्रीय पूजा व्यवस्था समिति के कोषाध्यक्ष प्रवीन अग्रवाल ने बताया कि दुर्गापूजा महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों की दिनवार आयोजनों की जानकारी जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय पूजा व्यवस्था समिति की ओर से प्रशासन से अनुष्ठान को सकुशल संपन्न कराने के लिए सहयोग मांगा गया है।