Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा काफी जोरों से चल रही हैं। वहीं महिला आरक्षण बिल पास होन को लेकर कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का पूरी तरह से समर्थन करती हैं। जिसके बाद उन्होंने सरकार पर निशान साधते हुए कहा कि सरकार को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने जनगणना और परिसीमन अभ्यास के दो खंडों को हटाने की मांग की- जो अधिनियम को लागू करने के लिए एक शर्त है।
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धूमधाम से एक विशेष सत्र आयोजित
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी ने संसद में धूमधाम से एक विशेष सत्र आयोजित किया, हम पुराने से नए संसद भवन में चले गए। संविधान लेकर गए पीएम मोदी ने एक नाटकीय प्रदर्शन किया…और दावा किया कि वे एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून पारित कर रहे है, लेकिन दो समस्याएं हैं।’
विधेयक में एक दशक की देरी होगी
Rahul Gandhi भाजपा पर हमता करते हुए कहा कि जनगणना और परिसीमन के कारण संसद और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण की मांग करने वाले विधेयक में एक दशक की देरी होगी और उन्होंने इस कदम को ‘जाति जनगणना के मुद्दे से बचने के लिए’ भाजपा द्वारा अपनाई गई एक ‘ध्यान भटकाने वाली रणनीति’ करार दिया।
2010 वाले विधेयक के बारे में पूछे
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान Rahul Gandhi से महिला आपक्षण से जुड़े मुद्दे पर 2010 वाले विधेयक के बारे में पूछा गया। जो कि राज्यसभा में पारित हुआ था लेकिन महिलाओं के लिए अलग ओबीसी कोटा की मांग के कारण लोकसभा में विफल हो गया था। जिसपर जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘हमें उस फैसले पर 100 फीसदी अफसोस है… हमने भी जनगणना जाति बनाई थी। हमने कुछ कारणों से उस समय इसे जारी नहीं किया था, लेकिन इसे अब जारी किया जाना चाहिए।
यह जानकर आश्चर्य हुआ
साथ ही Rahul Gandhi ने कहा, ‘जब मैं अपने संसद भाषण के लिए रिसर्च कर रहा था। तो मैंने देखा कि कितने सचिव अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि 90 में से केवल तीन सचिव ओबीसी हैं।’ उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या हम उस समुदाय के लिए इस प्रकार का प्रतिनिधित्व चाहते हैं, जो जनसंख्या का 50% तक हो सकता है?
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उन्होंने PM पर निशाना साधते
राहुल गांधी सरकार निशाना साधने में बिल्कुल नहीं चूकते हैं। उन्होंने एक बात पर जोर देते हुए कहा कि आम लोगों के बीच सत्ता का सही तरह से वितरण करने में सक्षम होने के लिए हमें डेटा की जरूरत हैं। जिसके बाद उन्होंने PM पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पहले के आंकड़े क्यों जारी नहीं कर रहे हैं और जनगणना कराने में देरी क्यों हो रही है?
नई जनगणना जाति के आधार पर करें
प्रधानमंत्री खुद को ओबीसी नेता बताते हैं, फिर केवल 3 सचिव ही ओबीसी क्यों हैं? उन्होंने आगे कहा कि मैंने सिर्फ यह सवाल पूछा कि क्या हिंदुस्तान में OBC की आबादी 5% है? अगर नहीं हैं तो ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं और है उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए। भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए। जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें जिससे सभी को पता चल जाए कि OBC कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें।
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बिल में दो चीज़ें संबंधित पाई गई
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा कि ‘सदन में महिला आरक्षण बिल लाया गया। बिल में दो चीज़ें संबंधित पाई गई। जिनमें एक की महिला आरक्षण से पहले जनगणना होगी और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे। महिला आरक्षण आज किया जा सकता है लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है।