देश में जितने सुरक्षा बढ़ा रहा है। वहीं उतने ही रेप और छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। बता दे कि सरकार इस को लेकर जितना हि कठोर कदम उठा रहा है। वहीं उतना ही देश में अपराध हो रहा है। बता दे कि देश के कई राज्यों में पुरुषों द्वारा महिलाओं के उपर अत्याचार का मामला सामने आया है। सू्त्रों के मुताबिक आपके बता दे कि देश में वर्ष 2023 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लगभग 4,636 मामले दर्ज किए गए हैं।वहीं लोकसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में दहेज उत्पीड़न के लगभग 1096 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें वर्ष 2020 में लगभग 330 मामले, वर्ष 2021 में लगभग 341 मामले, वर्ष 2022 में लगभग 357 मामले तथा 2023 में लगभग 41 मामले शामिल हैं।
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सरकार की चेतावनी
इन राज्यों में सरकार ने बलात्कार के आरोपियों के लिए कठौर कदम उठाया है। उदाहरण के तौर पर, राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं के कारण, गहलोत सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़ और बलात्कार करने वाले व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य होंगे। इस बयान के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कदाचार में लिप्त व्यक्तियों को सीधी चेतावनी दी है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि जो लोग छेड़छाड़ की वारदातें करेंगे उन्हें परिणाम भुगतना होगा और यमराज के दंड का भागी बनना पड़ेगा।
इतने दिन तक की होती है सजा
भारतीय संविधान के मुताबिक IPC की धारा 376 बलात्कार से संबंधित है। वहीं किसी भी उम्र की महिला से बलात्कार किया जाना , चाहे वह महिला किसी भी उम्र की क्यों न हो , एक बेहद गंभीर अपराध के तहत माना जाता है। बता दे कि इस गंभीर अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अनुसार विशेष रुप से अपराधी को दंड देने का प्रावधान किया गया है। वहीं IPC की धारा 376 का उपयोग तब होता है जब आरोपी पर लगाया हुआ आरोप पूरी तरह से सिद्ध हो जाता है।
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इस IPC धारा के तहत बलात्कार की सजा को अब कम से कम 7 साल तक लाया गया है, वहीं कुछ मामलों में जैसे कि नाबालिग से बलात्कार या किसी लोक सेवक द्वारा बलात्कार, उन मामलों में कम से कम 10 वर्ष तक किया गया है। बता दे कि सजा की अधिकतम सीमा आजीवन कारावास और गंभीर मामलों में मौत की सजा भी है। वहीं दोषी को जुर्माना भरने का भी आदेश दिया जाएगा।
कानूनी सलाह और सुरक्षा उपाय
वहीं अगर आप पर किसी युवती द्वारा गलत मामले में फसाए जा रहे है। तो आप धारा 376 के मामले से अपने बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए भारतीय दंड संहिता बुक का उपयोग करें।
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बलात्कार के धारा: एक समस्या और समाधान
IPC की धारा 376 के तहत बलात्कार के अपराध के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। क़ानून के तहत बलात्कार के मुक़दमें धारा 376, 376 A, 376 B, 376 C, 376 D और 376 E के तहत इस संगीन अपराध के लिए दंड का बंदोबस्त किया गया है। धाराए 376 में दो उप धाराएं भी हैं।
धारा 376 (क) का उल्लेख करते समय, यह विवदित करती है कि जब पति और पत्नी अलग-अलग रहते हैं, और फिर भी पुरुष पत्नी के साथ संभोग करता है, तो वह इसे बलात्कार की श्रेणी में आदान-प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप, उसे दो साल की कैद और जुर्माना का सामर्थ्य हो सकता है।
वहीं, धारा 376 (ख) के अंदर, सुरक्षा के तहत रहने वाली किसी भी महिला के साथ संभोग करने को इसी अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाता है, और इस पर पांच साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान हो सकता है।