Delhi: दिवाली आने में अभी 1 महीना रह गया हैं। लेकिन दिल्ली की हवा में अभी से जहर घुलने लगा हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार दावा कर रही हैं कि प्रदूषण को लेकर सारे एक्शन प्लान को शुरू कर दिया हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सड़क किनारे बने भोजनालाय, होटलों पर जहां कोयले का प्रयोग हो रहा है, वहां पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जिससे प्रदूषण की कमी को कम किया जा सके।
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दिल्ली के हालात खराब होते हुए
दिल्ली में दिन प्रतिदिन वायु प्रदुषण के हालात खराब होते जा रहे हैं। जो दिल्ली में रहने वालों के लिए बहुत ही बड़ी समस्या की बात हैं। ऐसे में दिवाली आने से पहले ही दिल्ली के हालात खराब होते दिख रहे हैं। जीआरएपी से संबंधित केंद्र सरकार की उप- समिति की एक बैठक में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में अचानक से गिरवाट हो गई हैं। जिससे कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 चला गया हैं। यानी की दिल्ली की हवा और भी खराब होती जा रही है।
समस्या का विषय बनता जा रहा
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक बयान दिया हैं कि वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयासों के तहत पूरे (NCR) में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी का पहला चरण लागू करने की आवश्यकता है।
हॉट स्पॉट इलाके का किया गया निरीक्षण
सर्दियां का मौसम आते ही दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान शुरू कर दिया हैं। जिस प्लान के तहत धूल विरोधी अभियान शुरू किया गया हैं। यह अभियान 7 अक्टूबर से 7 नवंबर तक कार्यरत रहेगा। वहीं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय धूल विरोधी अभियान के पहले दिन शनिवार 7 अक्टूबर 2023 को दोपहर 12 बजे से वजीरपुर इलाके में हॉस स्पॉट का निरीक्षण किया गया है। इस इलाके में सबसे पहले इस लिए निरीक्षण किया गया, क्योंकि यहा पर सबसे ज्यादा वायु प्रदुषण की समस्या होती है।
सूचकांक को इन वर्गों में किया विभाजित
एयर क्वालिटी को लेकर दिल्ली सरकार ने सूचकांक को चार भागो में विभाजित किया हैं। पहले भाग में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 यानी ‘खराब’ होने पर लागु किया जाता हैं। दूसरा वर्ग एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से भी ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।