NIA action on PFI : PFI तेजी से देश में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा था। देश के खिलाफ इस संगठन के सदस्यों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही थीं नतीजतन केंद्रीय जांच एजेंसियों ने देशभर में इसके ठिकानों पर छापेमारी की। वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बार फिर पीएफआई पर शिकंजा कसा है। एनआईए ने प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ देशभर में दर्जनों जगहों पर छापेमारी की है। इसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडु समेत कई और राज्य भी शामिल हैं, इसके साथ मुंबई के विक्रोली इलाके में 7/11 ट्रेन बम धमाकों के बरी किए गए आरोपी वाहिद शेख के घर पर NIA की छापेमारी जारी है।
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सूत्रो के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस छापेमारी में संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल उपकरणों के साथ नकदी जब्त की है। इसके साथ 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
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आतंकवाद का गहरा प्रभाव पड़ा है..
अधिकारियों ने आतंकी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के सिलसिले में PFI के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ा जांच प्रक्रिया करार दिया है। अधिकारियों ने जांच के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध की संभावना जताई है। अधिकारियों का कहना है कि पीएफआई सदस्यों की निर्मम हत्याओं से आम लोगों के मन में आतंकवाद का गहरा प्रभाव पड़ा है।
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इन जगहों पर चल रही छापेमारी..
दिल्ली के थाना हौज काजी इलाके के बल्ली मारान, राजस्थान के टोंक समेत कई ठिकाने, तमिलनाडु के मदुरै, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, लखनऊ, बहराइच, सीतापुर और हरदोई में रेड मारी है। लखनऊ के मदेगंज के बड़ी पकरिया इलाके में एजेंसी ने छापेमारी की। वहीं उधर, एनआईए ने मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और महाराष्ट्र के कई जिलों में लगभग पांच स्थानों पर छापेमारी की। इसके साथ एनआईए की टीम ने अब्दुल वाहिद शेख के विक्रोली स्थित आवास के अलावा भिवंडी, मुंब्रा और महाराष्ट्र के कई अन्य जिलों में भी तलाशी ली।
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क्या केंद्र सरकार पीएफआइ को करेगी बैन..
झारखंड समेत कई राज्यों में पहले ही पीएफआइ को अवैध घोषित किया जा चुका है। समय समय पर कई राज्यों की ओर से इस पर बैन लगाने की मांग की जाती रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार पीएफआइ को प्रतिबंधित करने का कदम उठाएगी।