पश्चिम बंगाल सरकार से मुआवजे का केस टाटा मोटर्स ने जीत लिया है। बता दे कि टाटा मोटर्स को सिंगूर संयंत्र के नुकसान की भरपाई के लिए 766 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। वही सुप्रीम कोर्ट ने टाटा के पक्ष में फैसला सुनाया है।
Tata Motors: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा मोटर्स को पश्चिम बंगाल के सिंगूर जमीन विवाद में बड़ी जीत मिली है। हालांकि, इस जीत से वेस्ट बंगाल की सरकार ममता बनर्जी को तगड़ा झटका भी है। इस विवाद में टाटा मोटर्स को बंगाल सरकार 766 करोड़ रुपये का मुआवजा देगी। बता दे कि इस प्लांट को लगाने की अनुमति वामपंथी सरकार के दौरान मिली थी। हालांकि 2008 में भूमि विवाद के कारण इस प्लांट को गुजरात के साणंद में शिफ्ट कर दिया गया।
टाटा मोटर्स ने दी जानकारी…
टाटा मोटर्स ने शेयर बाजार को बताया कि तीन-सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक, कंपनी प्रतिवादी पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीआईडीसी) से 765.78 करोड़ रुपये की राशि 11 परसेंट एनुअल इंटरेस्ट के साथ वसूलने की हकदार है। ब्याज का कैलकुलेशन एक सितंबर, 2016 से मुआवजा चुकाने की तारीख तक हुआ है।
कार्यवाही के एक करोड़ रुपये भी मिलेंगे…
इसमें एक सितंबर 2016 से वास्तविक वसूली तक 11 प्रति प्रति वर्ष की दर से ब्याज शामिल है। कंपनी इसके साथ ही कार्यवाही की लागत के लिए एक करोड़ रुपये भी वसूल करेगी। बयान में कहा गया है कि फैसले के बाद मध्यस्थता की कार्यवाही खत्म हो गई है।
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क्या हुआ फैसला?
इस फैसले से टाटा मोटर्स को भारी नुकसान हुआ। टाटा ग्रुप इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के उद्योग, वाणिज्य और उद्यम विभाग की प्रमुख नोडल एजेंसी WBIDC के पास पहुंचा और उससे मुआवजे के जरिए भरपाई किए जाने का दावा पेश किया था। इस मामले में अब टाटा मोटर्स को बड़ी जीत मिली है। टाटा मोटर्स की ओर से कहा गया कि तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण ने Tata Motors Ltd के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। टाटा मोटर्स को 765.78 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इसमें 1 सितंबर 2016 से WBIDC से वास्तविक वसूली तक 11% प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी शामिल है।
नैनो कार के निर्माण के लिए डाला था प्लांट…
टाटा मोटर्स ने सिंगूर परियोजना बंद होने के बाद जून, 2010 में अपनी छोटी कार नैनो के विनिर्माण के लिए साणंद में एक नया संयंत्र चालू किया था। हालांकि कुछ साल पहले कंपनी नैनो का निर्माण बंद कर चुकी है। साणंद संयंत्र का उद्घाटन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने किया था।