PUMA Company: अक्सर लोग सही असली औऱ नकली में पहचान करने में चूंक जाते हैं। जैसे बाजार में बिकने वाले समान को लोग खरीद तो लेते हैं लेकिन बाद में उन्हें पता लगता हैं कि वह समान नकली हैं। कुछ ऐसा ही मामला आगरा से सामने आया हैं। बता दे कि PUMA कंपनी के मार्क का उपयोग करके असली बताकर नकली जूते बेचने वाले आगरा के एक दुकानदार को 10 लाख रुपये का हर्जाना भरना पड़ेगा।
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जाने पूरा मामला
आपको बता दे कि PUMA कंपनी के मार्क का उपयोग करके असली बताकर नकली जूते बेचने वाले आगरा के एक दुकानदार को 10 लाख रुपये का हर्जाना भरना पड़ेगा। अब इसके लिए दुकानदार को 10 लाख रुपये PUMA कंपनी को देने होंगे। दुकानदार की ओर से भरे जाने वाले इस हर्जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को फैसला सुनाया है।
दिल्ली हाईकोर्ट में एक मुकदमा दायर किया गया
बता दे कि मिली जानकारी के अनुसार PUMA की ओर से पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट में एक मुकदमा दायर किया गया था। वहीं इस मुकदमे में यूपी के आगरा में ‘कुमकुम शूज’ के तौर पर कारोबार करने वाले अशोक कुमार नाम के कारोबारी के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग की थी। इसके साथ ही दायर किए गए मुकदमे में कंपनी की ओर से आरोप लगाया गया था कि अशोक कुमार नकली PUMA उत्पादों को बनाने और उसे बेचने का काम करते हैं।
ट्रेडमार्क वाले किसी भी जूते को बेचने पर रोक लगा दी
हाल ही में बीते शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रथिबा एम. सिंह की ओर से फैसला सुनाया गया है। आपको बताते चलें कि विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त जर्मन स्पोर्ट्स वियर ब्रांड PUMA ने दिल्ली उच्च न्यायालय का इस मामले को लेकर दरवाजा खटखटाया था। जिस दौरान कंपनी ने आरोप लगाया था कि PUMA मार्क के सहारे अलग अलग नकली उत्पाद यूपी स्थित आगरा के साथ-साथ दिल्ली और हरियाणा में भी बेचे जा रहे हैं।
ट्रेडमार्क वाले किसी भी जूते को बेचने पर रोक लगा दी
दरअसल, PUMA कंपनी की ओर से लगाई गई गुहार के बाद कोर्ट ने बीते साल 2022 के सितंबर माह में एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए प्रतिवादी को PUMA ट्रेडमार्क वाले किसी भी जूते को बेचने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही या PUMA ट्रेडमार्क वाले जूतों का निर्माण करने से भी रोक दिया था। इस मामले में आगे की जांच के लिए कोर्ट की ओर से एक स्थानीय आयुक्त को भी नियुक्त किया गया।
बेचने पर रोक लगा दी
मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बीते शुक्रवार को स्थायी निषेधाज्ञा का आदेश पारित करते हुए आगरा के कारोबारी अशोक कुमार को PUMA के मार्क या किसी भी समान मार्क वाले उत्पादों के बनाने और उसे बेचने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने प्रतिवादी को जब्त किए गए सामान को नष्ट करने के लिए जर्मन स्पोर्ट्स वियर ब्रांड PUMA को सौंपने का आदेश जारी किया है।
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न्यायमूर्ति प्रथिबा एम. सिंह ने कहा
बता दे कि स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रथिबा एम. सिंह ने कहा कि आगरा के ‘कुमकुम शूज’ ने नकली PUMA जूते बेचकर तकरीबन 18 से 19 लाख का लाभ कमाया है। जिसके चलते उनपर दायर हुए मुकदमे का फैसला PUMA के पक्ष में हर्जाने के साथ सुनाया जाना चाहिए और कुमकुम शूज को 10 लाख रुपये PUMA कंपनी को देना चाहिए।