Aam Aadmi Party : दिल्ली की नई शराब नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले मनीष सिसोदिया और अब संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं जानकारी के मुताबिक AAP नेता को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, अब संजय सिंह 10 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। जहां उनसे कई तरह के सवाल पूछे जाएंगे, एक बार हिरासत की अवधि समाप्त होगी, तो उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। आपके जानकारी के लिए बता दे की AAP नेता संजय सिंह को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया है तो वहीं आपके मन में भी आया होगा की यह शराब नीति घोटाला क्या है? और यह घोटाला कब हुआ? तो चलिए आज आपको बताते हैं, इस घोटाले के बारे में विस्तार से..
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क्या है नीति शराब घोटाला?
दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख रहते हुए मनीष सिसोदिया ने मार्च 2021 में नई एक्साइज पॉलिसी का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि नई नीति के तहत शराब की बिक्री में सरकार का कोई रोल नहीं होगा। शराब को सिर्फ निजी दुकानों को ही बेचने की अनुमति होगी। इसके लिए न्यूनतम 500 वर्ग फ़ुट क्षेत्र में दुकानें खोली जाएंगी और दुकान का कोई भी काउंटर सड़क पर नहीं होगा। शराब की दुकानों का सामान दिल्ली में बेचा जाएगा, नई नीति से उन्होंने रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई थी।
नई नीति में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकाने पहले की तरह 850 ही रहेंगी। दिल्ली की नई शराब बिक्री नीति के तहत, शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की परमिशन दी गई है। लाइसेंसधारी शराब पर असीमित छूट भी दे सकते हैं। इसके बाद नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू कर दी गई थी।
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नई शराब नीति का ऐलान..
22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई।
नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई। और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई।
- नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी।
- हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी।
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कब इस घोटाले का पता चला?
नवंबर 2021 में दिल्ली की केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति लागू की थी। इसके कुछ महीने बाद ही दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने AAP सरकार की नई आबकारी नीति पर रिपोर्ट तलब की, 8 जुलाई, 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव ने रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी, रिपोर्ट में नई आबकारी नीति बनाने में नियमों के उल्लंघन और टेंडर प्रक्रिया में खामियों का जिक्र किया गया था।
मुख्य सचिव की रिपोर्ट में नई शराब नीति में GNCTD एक्ट 1991, ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीओबीआर) 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन बताया गया। वहीं मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नई पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई। टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपये माफ किए गए। जानकारी के मुताबिक नई नीति के जरिए कोरोना के बहाने लाइसेंस की फीस माफ की गई। रिश्वत के बदले शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया।