Pandit Deendayal Upadhyay: हमारे देश में कई राष्ट्रवादी नेता का जन्म हुआ है। जिन्होंने देश के लोगों को न्याय व समानता दिलाने के लिए कार्य किए हैं। बता दें कि उन्हीं में से एक हमारे देश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय थे। जो गरीब और दलितों के लिए सदैव कार्य करने में हमेशा आगे रहते थे। बता दें कि आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जंयती हैं। वहीं इस मौके पर दिल्ली में आज उनकी 72 फीट ऊंची मूर्ति का PM मोदी ने उसका अनावरण किया। बता दें कि ये मूर्ति दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय पार्क में बनी हैं। नेता दीनदयाल का जन्म 25 सितंबर 1916 को यूपी के मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS)से भी जुड़े
पंडित दीनदयाल उपाध्याय दीनदयाल के पिता रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर थे। लेकिन उपाध्याय जी के माता-पिता का मृत्यु बचपन में ही गया था। फिर दीनदयाल जी अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद के बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। पढ़ाई के बाद दीनदयाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS)संघ से जुड़ गए और आजीवन संघ के प्रचारक के रूप में जीवन गुजारा। बता दें कि दीनदयाल जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। दिसंबर 1967 में वह जनसंघ के अध्यक्ष भी बने।
अंत्योदय का नारा दिया
पंडित दीनदयाल ने एक अंत्योदय का नारा दिया था। जिसका अर्थ यह होता है कि हम समाज में सबसे आखिरी व्यक्ति के उत्थान और विकास को निश्चित किए। बता दें कि दीनदयाल कहते थे कि कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नहीं कर सकता। हमें भारतीय राष्ट्रवाद, हिंदू राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति को समझना होगा। वहीं इस जयंती को अंत्योदय दिवस के रूप में भी मनाया जाता हैं।
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लोगो के हित के लिए किए कई कार्य
दीनदयाल उपाध्याय के विचार हमेशा सादा जीवन के साथ उच्च विचार वाला था। बता दें कि उपाध्याय जी मेघावी छात्र, जर्नलिस्ट, थिंकर, फिलासफर के लिए सदैव तैयार रहते थे। वहीं दीनदयाल उपाध्याय हमेसा लोगो के हित के लिए कार्य करते थे। बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन देखा जाये तो स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ था।