Bhopal: Jabalpur से एक बड़ा ही ऐतिहासिक मोमेंट सामने आया हैं। आपको बता दे कि भोपाल से Jabalpur तक बॉडी ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए ग्रीन कॉरिडोर का उपयोग किया गया। दरअसल, राजेश सराफ नाम के एक आदमी के जीवन को बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। जिससे की उसके अंग दान किया जा सके।
अस्पताल में भर्ती कराया
बता दे कि यह कॉरिडोर Jabalpur से भोपाल तक 300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए तैयार किया गया। इस कॉरिडोर को तैयार करने के पीछे एक इंसान को जीवन दान देना था। आपको बता दे कि भोपाल में प्राइवेट जॉब करने वाले 64 साल के राजेश सराफ को मार्च में ब्रेन हेमरेज हो गया था। जिसके लिए उनके परिवार वालों ने उन्हें जबलपुर लेकर गए। वहां पर उन्होंने दमोह नाका स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
राजेश सराफ का ब्रेन डेड हो गया
इलाज के दो दिन पहले डॉक्टर्स ने परिजनों को बताया कि राजेश सराफ का ब्रेन डेड हो गए हैं। इसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने परिजनों को उनके अंगदान करने की सलाह दी। जिससे किसी की जिंदगी बच सके। अब डॉक्टर्स की सलाह के बाद परिवार के लोग इसके लिए तैयार हो गए। जिसके बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानी NOTTO की मदद से जरूरत मंद मरीज की तलाश शुरू की। इसके बाद पता चला कि भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती देवास निवासी दिनेश चंद्र तिवारी को किडनी, लीवर और आंखों के रेटीना की जरूरत हैं।
दोनों मरीजों की बॉडी की जांच की
इलाज के लिए डॉक्टर्स के साथ ही CM का साथ भी मिला। बता दे कि कई विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने दोनों मरीजों की बॉडी की जांच की और फिर भोपाल के विशेषज्ञ डॉक्टर और उनकी टीम जबलपुर पहुंची। जिसके बाद राजेश सराफ के बॉडी ऑर्गन की जांच की और फिर ट्रांसप्लांट की योजना बनाई गई।
फिर बीती शाम बॉडी ऑर्गन्स को राजेश सराफ के शरीर से ऑपरेशन के जरिए निकालकर भोपाल भेजना था। जिसके लिए मुख्यमंत्री ने बड़ा कदम उठाते हुए अपना हेलीकॉप्टर मुहैया करवा जिससे की ऑपरेशन जल्द से जल्द हो सके।
Jabalpur से भोपाल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया
खराब मौसम होने के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। जिसकी वजह से सड़क मार्ग से ही लीवर, किडनी और आंखों को भोपाल पहुंचाने का इंतजाम किया गया। फिर भोपाल के डॉक्टर्स के साथ बॉडी ऑर्गन भोपाल भेजे गए। बॉडी ऑर्गन भोपाल भेजने के लिए Jabalpur से भोपाल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।