Narayana Murthy: इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने एक बार फिर युवाओं को हफ़्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि युवा पीढ़ी को यह समझना होगा कि कड़ी मेहनत के बिना देश को आगे बढ़ाना संभव नहीं है। उनका मानना है कि यदि हम मेहनत नहीं करेंगे, तो देश का विकास कैसे होगा। नारायण मूर्ति ने यह भी कहा कि युवाओं को उच्च आकांक्षाएं रखना चाहिए, क्योंकि हमारे देश में 80 करोड़ लोग गरीब हैं और उन्हें मुफ्त राशन मिलता है। ऐसे में अगर हम कड़ी मेहनत नहीं करेंगे, तो देश को कैसे उन्नति होगी?
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कड़ी मेहनत और देश निर्माण का आह्वान
बताते चले कि, नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने यह बयान कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जहां उन्होंने आरपीएसजी ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका के साथ चर्चा की। नारायण मूर्ति ने कहा कि जब वह इंफोसिस के संस्थापक थे, तो उन्होंने यह लक्ष्य रखा था कि कंपनी वैश्विक स्तर पर सबसे बेहतरीन बने और अपनी तुलना दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों से की जाए। उनका मानना है कि यदि हम अपनी तुलना शीर्ष वैश्विक कंपनियों से करेंगे, तो भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ होगा।
इसी कड़ी में आगे, नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने यह भी कहा कि उनका ध्यान हमेशा देश की गरीबी दूर करने पर था और उन्होंने यह महसूस किया कि राष्ट्र की प्रगति के लिए उद्यमिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि उद्यमी न केवल धन और रोजगार सृजन करते हैं, बल्कि वे सरकार के लिए करों का भुगतान भी करते हैं, जिससे देश का विकास होता है।
उद्यमिता के महत्व पर दिया जोर
नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि कोई देश पूंजीवाद को अपनाता है, तो वह देश बेहतर सड़कें, ट्रेनों और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर सकता है, जिससे समग्र विकास संभव होता है। उन्होंने यह भी बताया कि उद्यमियों का देश के विकास में अहम योगदान है, क्योंकि वे न केवल आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
हालांकि, नारायण मूर्ति का यह बयान युवा कर्मचारियों को कड़ी मेहनत की दिशा में प्रेरित करने के लिए था, यह बयान ऐसे समय में आया है जब कार्यस्थल पर तनाव और लंबी कार्य घण्टों को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लंबे समय तक काम करने के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चेतावनी दी है।
लंबे समय तक काम करने से न केवल कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, बल्कि यह उनके सामाजिक और व्यक्तिगत रिश्तों पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) का यह बयान भारतीय युवाओं को प्रेरित करने का प्रयास है, लेकिन साथ ही यह काम के घंटों को लेकर चल रही बहस और स्वास्थ्य से संबंधित चिंताओं को भी सामने लाता है।
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