Sadhvi Prachi : अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली साध्वी प्राची ने एक बार फिर से विवादित बयान दे डाला है।उन्होंने कहा कि दूसरे समुदाय के लोग हिंदुओं के नाम से ढाबे, होटल, रेस्टोरेंट चला सकते हैं, लेकिन अपना नाम नहीं लिख सकते। अगर हिंदू समाज के नाम पर ही प्रतिष्ठान चलाना है हिंदू धर्म को अपना लें। हम उनका स्वागत करेंगे।दरअसल बुधवार को साध्वी प्राची देहरादून रोड स्थित श्री शिव सेवा कांवड़ संघ के उद्घाटन में पहुंची थी। जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह न्यायालय के आदेश से आहत है। पूछना चाहती हैं कि मक्का मदीना में हिंदू भाइयों को चाय की दुकान खोलने की इजाजत नहीं है।
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“नाम लिखने में दिक्कत तो हिंदू धर्म अपना लें”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले ढाबों, होटलों, रेस्टोरेंट और ठेलियों पर उनके स्वामियों के नाम लिखने निर्देश दिए थे, जो सराहनीय है। जो लोग हिंदू नाम से प्रतिष्ठान चलाते हैं तो उन्हें अपना धर्म बदलकर हिंदू बन जाना चाहिए। यह लोग अपनी पहचान क्यों छिपा रहे हैं। सही नाम अपने प्रतिष्ठान पर क्यों अंकित नहीं किए जाते।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बोटी-बोटी का बयान देने वाले सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद को इस मामले में बोलने का कोई हक नहीं है, जो काम 70 सालों से नहीं हुए उन्हें भाजपा सरकार ने पूरा किया है।
“चंद्रशेखर को इस मामले में बोलने कोई अधिकार नहीं”
इस दौरान साध्वी प्राची ने नगीना सांसद और आसपा प्रमुख चंद्रशेखर के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा को बंद करने की बात करने वाले चंद्रशेखर को इस मामले में बोलने कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच चल रही विवाद की चर्चाओं को लेकर कहा कि जहां चार बर्तन होंगे वहां तो आवाज आएगी ही। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।
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नाम लिखने के निर्देश पर कोर्ट ने लगाया था रोक
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच मामले की सुनवाई की । वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया ।दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा झटका दिया।कोर्ट ने योगी सरकार के कांवड़ रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखने के निर्देश के अमल पर रोक लगा दी है, इसके साथ ही सरकार ने यूपी, एमपी और उत्तराखंड की सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में 26 जुलाई को अगली सुनवाई है।