Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर स्थित महल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ गया है। यहां दो समूहों के बीच विवाद के बाद हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। दोनों गुटों के बीच पथराव और वाहनों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, वहीं एक जेसीबी मशीन भी जलाकर नष्ट कर दी गई। पुलिस की भारी तैनाती के बावजूद स्थिति काबू से बाहर हो गई और पुलिस को स्थिति को संभालने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
वीएचपी और बजरंग दल का विरोध प्रदर्शन

नागपुर के महल इलाके में हिंसा की शुरुआत तब हुई जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सदस्यों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। दोनों संगठनों का आरोप है कि औरंगजेब का अस्तित्व हिंदुओं के उत्पीड़न और मंदिरों को नष्ट करने का प्रतीक है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो वे अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ‘कारसेवा’ करेंगे। प्रदर्शन के दौरान दो समूहों के बीच टकराव हुआ और स्थिति ने हिंसक रूप ले लिया।
पुलिस की तैनाती और फायर ब्रिगेड की कार्रवाई

जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ी, पुलिस प्रशासन ने महल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस और फायर ब्रिगेड के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि दो जेसीबी मशीनों को आग के हवाले कर दिया गया था और कई अन्य वाहनों को भी नुकसान पहुंचा था। एक फायरमैन भी घायल हो गया है। पुलिस ने पूरे इलाके में गश्त तेज कर दी है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागरिकों से अपील की है कि वे प्रशासन का पूरा सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि नागपुर एक शांतिपूर्ण शहर है और नागरिकों को इस स्थिति को संभालने में प्रशासन की मदद करनी चाहिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है और स्थिति को जल्द सामान्य करने की उम्मीद जताई है।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

नागपुर में हुई हिंसा पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह घटनाएं केंद्र और राज्य सरकार की विचारधारा का असली चेहरा उजागर करती हैं। उन्होंने कहा कि नागपुर में कभी भी इस तरह की हिंसा नहीं हुई थी, और अब कुछ समूहों द्वारा 300 साल पुराने इतिहास का इस्तेमाल विभाजन और अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है।
औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद

वीएचपी और बजरंग दल का कहना है कि औरंगजेब की कब्र का अस्तित्व हिंदुओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों और क्रूरता का प्रतीक है। इन संगठनों का तर्क है कि औरंगजेब ने अपने पिता को बंदी बना लिया, अपने भाइयों को मारा और हिंदू मंदिरों को नष्ट करने का आदेश दिया। इस विवाद ने महल इलाके में भारी तनाव उत्पन्न किया है और पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए कई कदम उठाने पड़े हैं।