हरदोई संवाददाता- Harsh Raj
Hardoi: यूपी के हरदोई में समाजवादी पार्टी कार्यालय पर लगाई गई मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा हटा दी गई हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी के जिला स्तरीय नेताओं ने पार्टी कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव की आदमकद प्रतिमा लगाई थी। प्रशासन को प्रतिमा स्थापित करने की जानकारी हुई, तो नगर पालिका ने बगैर अनुमति लगाई गई प्रतिमा को हटाने के लिए नोटिस दे दिया। जिसके बाद रातों-रात क्रेन बुलाकर सपा कार्यकर्ताओं ने मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा को उखड़वाकर समाजवादी पार्टी कार्यालय में रखवा दिया हैं। प्रशासन के मुताबिक नगर पालिका की जमीन पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पर प्रतिमा स्थापित की गई थी। नोटिस जारी करने के बाद सपा नेताओं ने प्रतिमा स्वयं हटा ली है।
सपा नेता का दावा है कि..
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में समाजवादी पार्टी के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी कार्यालय पर लगाई गई प्रतिमा को रातों-रात हटा दिया गया। मुलायम सिंह यादव की यह प्रतिमा नगर पालिका कैंपस में स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर लगाई गई थी। जिसके लिए चबूतरा बनाया गया था,सपा नेता का दावा है कि मूर्ति के अनावरण के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव को बुलाया जाना था।
प्रतिमा उखड़वा कर सपा कार्यालय में रखवाया
मुलायम सिंह यादव की सपा कार्यालय पर प्रतिमा स्थापित होने की जानकारी जैसे ही प्रशासन को हुई, तो नगर पालिका ने कार्यालय का तीन शेड हटाने, दुकानों का अनुबंध खत्म करने और बगैर अनुमति लगाई गई प्रतिमा को हटाने के लिए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष को नोटिस थमा दिया। हालांकि इसको लेकर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने रोष भी जताया लेकिन अंततः सपा नेताओं को खुद ही कार्यालय से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा हटानी पड़ी। रातों-रात हटाई गई मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा को उखड़वा कर सपा कार्यालय में रखवा दिया गया है।
वीरेंद्र सिंह यादव को जारी नोटिस में कहा
नगर पालिका ने समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह यादव वीरे को जारी किए गए नोटिस में कहा है कि नगर पालिका की एक से आठ नंबर दुकाने स्वर्गीय विश्राम सिंह यादव के नाम से आवंटित की गई थी। इन दुकानों का व्यवसायिक प्रयोग किया जाना था लेकिन नियम विरुद्ध दुकानों का राजनीतिक प्रयोग किया जाने लगा और दुकानों को तोड़कर पार्टी कार्यालय बना दिया गया।
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1 साल तक का किराया जमा नहीं किया
अनुबंध के मुताबिक पिछले 1 साल तक का किराया जमा नहीं किया गया हैं। यही नहीं बगैर अनुमति के कोई भी मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती हैं। ऐसे में बगैर अनुमति लिए ही प्रतिमा को स्थापित कर दिया गया है और टीन शेड भी डलवाया गया है,ऐसे में आवंटित दुकानों का अनुबंध खत्म किया जा सकता है प्रतिमा खुद स्थापित की गई हैं। ऐसे में प्रतिमा के हटाने का हरजा खर्चा भी पार्टी को ही देना होगा और टीन शेड हटाने का भी खर्चा पार्टी को हटाना देगा।
रातों-रात प्रतिमा को हटा दिया
ऐसे में नगर पालिका से नोटिस मिलने के बाद समाजवादी पार्टी में हैं। खलबली मच गई और रातों-रात प्रतिमा को हटा दिया गया। अब इस पूरे मामले में जिलाध्यक्ष समेत कोई भी पार्टी पदाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि प्रतिमा हटाते समय मौके पर मौजूद सपा कार्यकर्ता आलोक वर्मा ने प्रतिमा हटाने को लेकर विरोध जाहिर किया और कहा कि नेताजी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। प्रशासन को नागवार गुजरा और उन्होंने नोटिस थमा दिया और धमकाया जिसके बाद प्रतिमा हटा ली गई है। नेताजी को भारतीय जनता पार्टी ने ही पद्म विभूषण से सम्मानित किया था लेकिन राजनीतिक विरोध के चलते मूर्ति हटवा दी गई।