Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में बस एक हफ्ते का समय रह गया है.जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है,वैसे-वैसे सभी राजनीतिक दलों के बीत का मुकाबला बहुत ही दिलचस्प होता हुआ दिखाई दे रहा है. नेताओं के इस्तीफे और दल-बदल का सिलसिला लगातार जारी है. आगामी चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है. यूपी के बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मलूक नागर बसपा का साथ छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए है. आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया है.
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मायावती ने नागर का काटा टिकट
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मायावती ने नागर का टिकट काटकर बिजनौर से चौधरी बिजेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद से ही अटकलों का दौरा शुरु हो गया था कि वो बीएसपी छोड़कर किसी और दल में शामिल हो सकते हैं. बता दे कि मलूक नागर की गिनती मायावती के भरोसेमंद नेताओं में होती थी. साल 2009 और 2014 में मेरठ और बिजनौर सीट से चुनाव हारने के बाद भी मायावती ने उन भरोसा जताया था और 2019 में फिर बिजनौर से प्रत्याशी बनाया था. सपा के साथ गठबंधन का फायदा मिलने की वजह से उन्हें जीत मिली और वो संसद में पहुंचे. इसके अलावा मलूक नागर की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में भी होती है.
किन-किन लोगों ने इससे पहले छोड़ा साथ
बताते चले कि इससे पहले अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय, लालगंज से पहली बार सांसद बनी संगीता आजाद और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी बीएसपी छोड़ चुके हैं. रितेश पांडेय और संगीता आजाद ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. जबकि कुंवर दानिश अली कांग्रेस में चले गए हैं. वहीं अफजाल अंसारी को गाजीपुर से सपा ने टिकट दिया है.बीएसपी सुप्रीमो को भेजे गए इस्तीफे में रितेश पांडेय ने लिखा था कि लंबे समय से उन्हें न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है. उन्होंने लिखा, “मैंने आपसे (मायावती) और शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क करने के लिए, भेंट के लिए अनगिनत प्रयास किए, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला.”
दानिश अली पहले ही साथ छोड़ चुके
इसके अलावा अमरोहा से सांसद कुंवर दानिश अली भी पार्टी से बाहर जा चुके हैं. संसद में उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने उनका साथ दिया था. कांग्रेस की बढ़ती नजदीकियों की वजह से मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. हालांकि अब वो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस ने उन्हें एक बार फिर अमरोहा से अपना उम्मीदवार बनाया है.उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. पिछले चुनाव में बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें बीएसपी को 10 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं समाजवादी पार्टी सिर्फ पांच सीटें ही जीत सकी थी. इस चुनाव के बाद दोनों ही पार्टियों ने अपना गठबंधन तोड़ लिया था.
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