Unique Bail Of MP High Court: भोपाल में रहने वाले 40 वर्षीय फैजल उर्फ फैजान खान, जो मिसरोद इलाके में पंचर की दुकान चलाता है, पर आरोप लगा कि उसने पाकिस्तान के समर्थन में भारत विरोधी (MP High Court) नारे लगाए थे। इस घटना के बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिससे दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा मिलने की संभावना पैदा हो गई थी।
मामले की गहराई को समझते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फैजल के खिलाफ धारा 153 बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ भाषण देना) (MP High Court)के तहत मामला दर्ज किया। इस धारा के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को देश की एकता और अखंडता के खिलाफ दिए गए भाषण या बयान के लिए सजा दी जा सकती है। पुलिस ने फैजल को 17 मई को गिरफ्तार कर लिया था।
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कोर्ट का फैसला
इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैजल को सजा सुनाई, जो अनोखी और देशभक्ति को बढ़ावा देने वाली थी। फैजल को हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच मिसरोद थाने में जाकर भारतीय तिरंगे को 21 बार सलामी देने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही, उसे भारत माता की जय के नारे भी लगाने होंगे। कोर्ट का यह फैसला न सिर्फ सजा का एक तरीका था, बल्कि इसे सुधारात्मक उपाय के रूप में देखा गया, जिसमें आरोपी को राष्ट्रप्रेम का महत्व समझाने की कोशिश की गई।
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सजा के पालन की शुरुआत
कोर्ट (MP High Court)के आदेश के अनुसार, फैजल ने मिसरोद थाने में तिरंगे को 21 बार सलामी दी। इसके अलावा, उसने जोर से “भारत माता की जय” के नारे भी लगाए। इस अनोखी सजा के पीछे कोर्ट का उद्देश्य यह था कि आरोपी को अपने कृत्य का एहसास हो और वह भविष्य में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से दूर रहे। इस सजा ने देशभर में एक उदाहरण पेश किया कि किस प्रकार कानून व्यवस्था के तहत सुधारात्मक और नैतिक सजा देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
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‘मैं मानता हूं कि मुझसे गलती हुई’
फैजल निसार ने कहा, ‘भारत माता की जय, मैं मानता हूं कि मुझसे गलती हुई, मैं हाईकोर्ट के आदेश का पालन करूंगा। एक आदमी वीडियो शूट कर रहा था और इस तरह रील बन गई। मैं मानता हूं कि मुझसे गलती हुई, मैं ऐसा दोबारा कभी नहीं करूंगा, मैं दूसरों से भी कहता हूं कि वे ऐसी गलती न करें।
राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर सख्त कानून
भारत में धारा 153 बी जैसे कानून इस बात का प्रतीक हैं कि देश की एकता और अखंडता के खिलाफ कोई भी बयान या गतिविधि स्वीकार्य नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई का उद्देश्य है कि समाज में कोई भी व्यक्ति ऐसा काम न करे जिससे देश की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचे। फैजल का यह मामला बताता है कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल होता है तो उसे कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।