Mohammad Azharuddin ED summoned: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammad Azharuddin) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। उन्हें हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (Hyderabad Cricket Association) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा तलब किया गया है। ममिली जानकारी के अनुसार, 61 वर्षीय मोहम्मद अजहरुद्दीन को 3 अक्टूबर को ईडी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। हालांकि, अजहरुद्दीन ने ईडी से कुछ समय की मांग की है, और जानकारी के मुताबिक, एजेंसी उन्हें नया समय जल्द जारी करेगी।
क्या हैं आरोप?
यह मामला हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (Hyderabad Cricket Association) में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जिसमें राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जनरेटर, अग्निशामक प्रणाली और छतरियों की खरीद के लिए आवंटित 20 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी का मामला शामिल है। इस मामले की जांच पिछले साल नवंबर में ईडी (ED) द्वारा की गई थी, जब उन्होंने एचसीए के अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
भ्रष्टाचार का लगा आरोप
तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Telangana Anti Corruption Bureau) ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ तीन प्राथमिकी और आरोपपत्र दर्ज किए थे, जिसमें मोहम्मद अजहरुद्दीन सहित अन्य पर स्टेडियम के लिए क्रिकेट बॉल, जिम उपकरण और अग्निशामक यंत्र खरीदने में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में मोहम्मद अजहरुद्दीन को पिछले साल अदालत ने अग्रिम जमानत दी गयी थी। उनके वकील ने दलील दी थी कि उन्हें केवल इसलिए आरोपी बनाया गया है क्योंकि वह उस समय एचसीए के अध्यक्ष थे।
ईडी ने हासिल किए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज
मिली जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद में राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए किए गए वित्तीय लेन-देन में करीब 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। ईडी ने इस मामले में तेलंगाना में 9 स्थानों पर छापेमारी की, जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए। इस पूरे मामले में एचसीए के CEO सुनीलकांत बोस ने मोहम्मद अजहरुद्दीन के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की है।
अजहरुद्दीन पर पहले भी लगा था मैच फिक्सिंग का आरोप
मोहम्मद अजहरुद्दीन एक सफल क्रिकेटर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की है। हालांकि, उनके खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोप भी लगे हैं, जिससे उनके करियर पर कई सवाल उठे थे। अब, उन्हें एक बार फिर गंभीर कानूनी संकट का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके सार्वजनिक जीवन पर भी असर डाल सकता है। इस मामले ने अजहरुद्दीन की छवि को भी नुकसान पहुँचाया है, जो एक पूर्व सांसद और क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी हैं। उनका यह विवादित मामला राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है। अजहरुद्दीन के समर्थकों का मानना है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र हो सकता है, जबकि विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं। इससे पहले भी कई बार उन्होंने न्यायिक दिक्कतों का सामना किया है, लेकिन इस बार का मामला उनके लिए एक नई चुनौती पेश कर रहा है।
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