Manipur Violence: बीते लम्बे समय से मणिपुर असम में जारी हिंसा लोगों के लिए मुश्किल का सबब बनती जा रही है। इसको लेकर ओलंपिक में भारोत्तलन में देश को पदक दिलाने वाली मीराबाई चानू ने चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर साझा किये गए वीडियो के माध्यम से उन्होंने ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर के संघर्ष को खत्म किये जाने की आग्रह किया है। आपको बता दें कि, मई माह में दो जातीय समूह के बीच हुए विवाद के बाद इस मुद्दे ने जातीय हिंसा का रुप ले लिया। इस हिंसा की आग में 150 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी, वही कितने ही ऐसे लोग है जिनके घरो को आग के हवाले कर दिया गया।
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वीडियो के माध्यम से की ये मांग
सोशल मीडिया पर मणिपुर हिंसा को लेकर साझा किये गए वीडियो को चानू ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ”मदद करने और बचाने की” अपील की है। ट्वीटर पर साझा किये गए वीडियो में चानू ने कहा कि, “मणिपुर में हिंसा तीसरे महीने में प्रवेश करने वाली है और अभी तक शांति बहाल नहीं हुई है। हिंसा के कारण राज्य के कई खिलाड़ी प्रशिक्षण नहीं ले पा रहे हैं, शिक्षा बाधित हो रही है। कई लोगों की जान चली गई है और कई घर बर्बाद हो गए हैं।”
उन्होंने कहा “मणिपुर मेरा घर है। वह इस समय यूएसए में आगामी विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा, “हालांकि मैं मणिपुर में नहीं हूं लेकिन मैं सोचती हूं, देखती हूं और सोचती हूं कि हिंसा कब खत्म होगी। मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से स्थिति को ठीक करने और मणिपुर के लोगों को बचाने की अपील करती हूं।”
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आखिर क्या है हिंसा की वजह?
गौरतलब है कि, मणिपुर के मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुए आपसी विवाद ने जातीय हिंसा को जन्म दिया है , प्रदेश में जारी हिंसा की चपेट में आने से तकरीबन 150 से ज्यादा लोग मारे गये है। मई माह की 3 तारीख को इस हिंसा को जन्म दिया और प्रदेश भर में भड़क उठी थी ।यह हिंसा मैतेई समुदाय द्वारा उठाई जा अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर विद्रोध में पहाड़ी जिलों नमे आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान लोग हिंसक हो गए। उल्लेखनीय है कि,मणिपुर की आबादी में मैतेई के लोगों को 53 प्रतिशत है और वे इम्फाल में निवास करते है। इसके आलावा नागा और लुकी समेत अन्य आदिवासी का 40 प्रतिशत भाग जयादातर पहाड़ी जिलों में निवास करते है।