प्रतापगढ़ संवाददाता- गणेश राय
- आकाशीय बिजली, मौसम, आधी तूफान की जानकारी हेतु दामिनी एप एवं सचेत एप करें डाउनलोड-सभापति
- सर्पदंश से मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम कराने के बाद मिलता है लाभ-सभापति उमेश द्विवेदी
- आपदा से ग्रसित परिवारों का स्थलीय निरीक्षण कराकर दिया जाये लाभ-सभापति उमेश द्विवेदी
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ‘‘दैवीय आपदा प्रबन्धन जांच समिति’’की बैठक विकास भवन सभागार में समिति के सभापति उमेश द्विवेदी (एम0एल0सी0) की अध्यक्षता में दैवीय आपदा से सम्बन्धित किये गये कार्यो की समीक्षा की गयी। बैठक में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) अक्षय प्रताप सिंह, सुरेन्द्र चौधरी, अवनीश कुमार सिंह, डा0 बाबूलाल तिवारी, अजय प्रताप सिंह सहित तेज प्रताप सिंह उप सचिव, अभय सिंह प्रतिवेदक, अभिनव अपर निजी सचिव, मयंक यादव समीक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में आये हुये अतिथियों का जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने अंगवस्त्रम् एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सभापति द्वारा जनपद में अब तक विभिन्न विभागों द्वारा आपदा से सम्बन्धित जो भी राहत कार्य किये गये है और जो लम्बित है के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण प्रतापगढ़ द्वारा जनपद में निरन्तर प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से ग्रीष्मकाल में हीटवेब/लू तथा वर्तमान में दैनिक वर्षा, आकाशीय बिजली, आंधी तूफान एवं अतिवृष्टि को एडवाइजरी के माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया।
सभापति उमेश द्विवेदी
आपदाओं से बचाव हेतु क्या करें क्या न करें इसका भी प्रचार प्रसार किया गया। समस्त तहसीलों में वर्ष 2021-22 में दैवीय आपदा से प्रभावित मृतकों के परिवार को कुल 48 व्यक्तियों को 152 लाख, वर्ष 2022-23 में कुल 25 व्यक्तियों को 100 लाख तथा वर्ष 2023-24 में 03 व्यक्तियों को 12 लाख की धनराशि शासन दी गयी है। कोविड-19 वर्ष 2021-22 में कुल 81 मृतकों के परिवार को 40.50 लाख रूपये की धनराशि दी गयी।
बैठक में समिति के सभापति ने निर्देशित करते हुये कहा कि आपदा से सम्बन्धित जिन व्यक्तियों को अभी तक लाभ प्राप्त नही हुआ है उनका स्थलीय निरीक्षण कर उन्हें लाभ दिया जाये एवं आपदा से सम्बन्धित जो भी एडवाइजरी जारी की गयी है उसकी सूचना उपलब्ध करायें।
उन्होने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि आकाशीय बिजली, मौसम, आधी तूफान की जानकारी हेतु अपने-अपने मोबाइल में दामिनी एप एवं सचेत एप डाउनलोड करें एवं जनसामान्य को भी इस एप के सम्बन्ध में जागरूक करें जिससे वह भी अपने मोबाइल में दामिनी एवं सचेत एप को डाउनलोड कर सके। उन्होने कहा कि आपदा से सम्बन्धित एक कन्ट्रोल रूम स्थापित करें जिससे जनसामान्य आपदा से सम्बन्धित समस्याओं को बता सके।
सर्पदंश से मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम कराने के बाद मिलता है लाभ
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में मुख्य चिकित्साधिकारी से जानकारी ली गयी कि सर्पदंश से हुई मृत्यु पर पोस्टमार्टम के बाद कितने लोगों को लाभ मिला है तो मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2021-22 में 15 व्यक्तियों को सर्पदंश से मृत्यु पर पोस्टमार्टम के बाद 60 लाख की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है, वर्ष 2022-23 में सर्पदंश से 11 व्यक्तियों की मृत्यु है जिन्हें 44 लाख की धनराशि दी गयी।
मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सर्पदंश से मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम कराने पर लोगों को लाभ मिलता है इसलिये इसका प्रचार प्रसार करायें। सभापति ने सीएमओ को निर्देशित किया कि समस्त सीएचसी/पीएचएसी पर सांप काटने का इंजेक्शन एवं दवा अवश्य उपलब्ध रहे क्योंकि बरसात के मौसम में सर्प ज्यादा निकलते है। उन्होने निर्देशित किया कि समस्त सीएचसी/पीएचसी पर सर्पदंश दुर्घटना के दौरान होने वाले लाभ से सम्बन्धित बैनर भी लगाये जाये जिससे जनसामान्य को जानकारी मिल सके।
आपदा से ग्रसित परिवारों का स्थलीय निरीक्षण
समिति के सभापति द्वारा निर्देशित किया गया कि आपदा के दौरान ऐसे व्यक्ति जिनकी दीवार गिर गयी है, जिनका मकान गिरा, जिनकी छत गिर गयी है ऐसे व्यक्तियों को 3200 रूपये दिये जाते है, इन व्यक्तियों में से कितने लोगों को सहायता धनराशि दी गयी है एवं कितने को नही दी गयी है, कितने लोगों को आवास दिया गया है एवं नही दिया गया है उसकी सूचना उपलब्ध करायी जाये। सभापति ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं आयुष्मान योजना से जो भी लाभार्थी वंचित है उन्हें लाभ दिया जाये।
बैठक में सभापति ने कहा कि विद्युत की स्थिति ठीक नही है और अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि जो भी तार लटके हुये है, जो खम्भे मानक के अनुरूप नही है उन्हें दुरूस्त कराये जाये तथा जिन उपभोक्ताओं के विद्युत बिल ज्यादा होते है उन्हें विद्युत बिल पर जो छूट दी जाती है उसकी समस्त सूचनायें उपलब्ध करायी जाये। उन्होने निर्देशित किया कि विद्युत से सम्बन्धित जो भी कार्य ठेकेदारों द्वारा कराये जाते है उसकी गुणवत्ता ठीक ढंग से नही होती है, ऐसे समस्त ठेकेदारों को कड़ी चेतावनी निर्गत करें।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय पर्व के दौरान कहीं-कहीं पर जो झण्डे फहराये जाते है, वह गलत तरीके से फहराये जाते है ऐसा भविष्य में न हो इसके लिये झण्डा फहराने से सम्बन्धित ट्रेनिंग करायी जाये। जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया कि विद्यालयों के कुछ अध्यापक ऐसे है जो बच्चों को न पढ़ाकर अन्य कार्यो में रूचि रखते है ऐसी स्थिति ठीक नही है और ऐसे अध्यापकों को चेतावनी जारी करें कि वह अपने विद्यालय में उपस्थित रहकर बच्चों को पढ़ाये, अन्यथा की स्थिति लापरवाही करने वाले अध्यापकां पर कार्यवाही की जाये।
आकाशीय बिजली, मौसम, आधी तूफान की जानकारी
पंचायती राज विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि गांव में साफ-सफाई नही की जाती है जिससे गांवों में गन्दगी रहती है और वातावरण प्रदूषित होता है और अनेक प्रकार की बीमारियॉ फैलती है, ग्रामसभाओं में जो भी सफाई कर्मचारी नियुक्त है उनसे साफ-सफाई का कार्य कराया जाये। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता को निर्देशित किया कि नहरों एवं नालो की साफ-सफाई नही की जाती है जिससे आस-पास के क्षेत्रों में झाड़ियॉ एवं जगल हो जाता है जिसमें जहरीले जीव जन्तु निवास करते है जिससे अनेक प्रकार की घटनायें घटित होती यह स्थिति ठीक नही है इसलिये इन सब की साफ-सफाई करायी जाये और साफ-सफाई से सम्बन्धित सभी सूचनायें उपलब्ध करायी जाये।
बैठक में जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल, मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा, समस्त उपजिलाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ‘‘दैवीय आपदा प्रबन्धन जांच समिति’’ द्वारा विकास भवन सभागार में समिति के सभापति उमेश द्विवेदी (एम0एल0सी0) की अध्यक्षता में जनपद सुल्तानपुर एवं अमेठी के अधिकारियों के साथ दैवीय आपदा से सम्बन्धित किये गये कार्यो की समीक्षा की गयी।