लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टी अपने अलग -अलग रणनीति के साथ मैदान पर उतर चुकी वही बात करे बसपा की तो लगातार चुनावों में हार का मुंह देख रही बहुजन समाज पार्टी ने आखिरकार चार दशक पुराने कांशीराम मॉडल को अपनाकर लोकसभा के चुनाव में जाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके चलते बहुजन समाज पार्टी के रणनीतिकारों ने मायावती को ग्राउंड पर उतारने के लिए ‘मिशन ग्राउंड’ बनाना शुरू कर दिया।
मायावती को याद आया कांशीराम मॉडल
वही योजना के मुताबिक मायावती अगस्त के बाद शुरू होने वाले बसपा के कैडर कैंप में अपने जमीनी कार्यकर्ताओं से न सिर्फ मुखातिब होंगी, बल्कि उनको आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए नए दिशा निर्देश भी देंगी। लंबे समय से बसपा में मांग उठती रही है कि मायावती अगर जमीन पर उतर कर कार्यकर्ताओं से सीधे मुखातिब हों, तो संभव है पार्टी का वोट बैंक भी बढ़े और पार्टी की राजनीतिक हिस्सेदारी भी।ज़ीरों से ज़मीनी स्तर पर शुरुआत करेगी बसपा!पुराने मॉडल पर लौटी बसपा सुप्रीमो 2024 के लिए मायावती को याद आया कांशीराम मॉडल
संगठन दुरुस्त करने की कवायद भी शुरू
मायावती ने कहा कि प्रत्याशी ऐसा हो जो आम जनता से जुड़ा हो, साथ ही पार्टी के अभियान और कार्यक्रमों में भी लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहा हो. ऐसे चार से पांच काबिल प्रत्याशियों का पैनल बनाकर मंडल कोऑर्डिनेटर बसपा सुप्रीमो को भेजेंगे. इसके बाद वो फैसला लेंगी कि किसे चुनाव लड़ाना है. इसके साथ ही बसपा ने अपना संगठन दुरुस्त करने की कवायद भी शुरू कर दी है।