UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Legislative Assembly) के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई है.सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय का स्वागत किया.सत्र के तीसरे दिन सदन में खूब बहसबाजी हुई. इस दौरान अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बीच नोकझोंक देखने को मिली. अब इस पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव और भारतीय जनता पार्टी नेता अनुराग ठाकुर के बीच हो रही बहस पर टिप्पणी की है.
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बीजेपी और कांग्रेस पर मायावती के आरोप
बताते चले कि मायावती (Mayawati) ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “कल संसद में ख़ासकर जाति और जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जारी तकरार नाटकबाजी और ओबीसी समाज को छलने की कोशिश है. दोनों ही पार्टियों का इतिहास ओबीसी-विरोधी रहा है, इन पर विश्वास करना ठीक नहीं.” उन्होंने यह भी लिखा कि बीएसपी के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में लागू ओबीसी आरक्षण की तरह ही राष्ट्रीय जातीय जनगणना एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है, जिसे केंद्र सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए. देश के विकास में गरीबों, पिछड़ों और बहुजनों का भी अधिकार है, और जातीय जनगणना इसमें अहम भूमिका निभा सकती है.
पीएम मोदी ने अनुराग ठाकुर के भाषण की सराहना की
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य अनुराग ठाकुर के भाषण की सराहना की और कहा कि इसे अवश्य सुना जाना चाहिए. पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का यह भाषण अवश्य सुना जाना चाहिए. तथ्यों और व्यंग्य का एक सही मिश्रण है, ‘इंडी’ गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है.” अनुराग ठाकुर ने अपने भाषण में राहुल गांधी के संबोधन पर राजनीतिक रूप से पलटवार किया और कांग्रेस सरकारों के दौरान हुए कथित घोटालों और अतीत में कांग्रेस नेताओं द्वारा विपक्ष के नेता से जाति आधारित कोटा के सवालों पर आलोचनात्मक संदर्भ दिए.
राहुल गांधी जातीय जनगणना पर अडिग
लोकसभा में जाति आधारित गणना के मुद्दे पर राहुल गांधी की जाति के संबंध में उठाए गए सवालों के कारण हंगामा हुआ. विपक्ष के नेता ने इसे अपमान बताया और कहा कि यह उन्हें जातिवार गणना की मांग पर अड़े रहने से नहीं डिगा पाएगा. इस बहस के बीच मायावती (Mayawati) ने जोर दिया कि जातीय जनगणना का मुद्दा जनहित का है और केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि जातीय जनगणना देश के विकास में गरीबों, पिछड़ों और बहुजनों के अधिकारों की पूर्ति में अहम भूमिका निभा सकती है.
मायावती का जातीय जनगणना के महत्त्व पर जोर
मायावती (Mayawati) ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर ओबीसी समाज को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि इन पार्टियों का इतिहास ओबीसी-विरोधी रहा है. उन्होंने कहा कि बीएसपी के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण लागू हुआ, और इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है.
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OBC विरोधी इतिहास पर कांग्रेस और BJP पर हमला
मायावती (Mayawati) के अनुसार, जातीय जनगणना देश के करोड़ों गरीबों, पिछड़ों और बहुजनों के अधिकारों को सुनिश्चित करने में मदद करेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि जातीय जनगणना जनहित का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसे लागू करने से समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी.
जातीय जनगणना की आवश्यकता और केंद्र से गंभीरता की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुराग ठाकुर के भाषण की प्रशंसा की, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ तथ्यात्मक और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की. अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकारों के दौरान हुए कथित घोटालों और जाति आधारित कोटा पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया.