UP News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी मस्जिद पर दिए बयान की निंदा की है। मौलाना ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद एक ऐतिहासिक स्थल है, जिसका इतिहास कई सौ वर्षों पुराना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान कि ज्ञानवापी मस्जिद वास्तव में भगवान विश्वनाथ का मंदिर है, उनके पद की गरिमा के खिलाफ है। मौलाना रजवी ने यह भी कहा कि इस बयान से यह प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री धार्मिक मामलों में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं।
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कानूनी प्रक्रिया पर संभावित प्रभाव
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने यह भी उल्लेख किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में मुख्यमंत्री का इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान देना कानून की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री को धार्मिक बयान देने से परहेज करना चाहिए ताकि न्यायालय की प्रक्रिया पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना
मौलाना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानून-व्यवस्था के मामले में उठाए गए सुधारात्मक कदमों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे हर नागरिक के लिए एक समान काम करें और कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखें। मौलाना रजवी ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री सभी समुदायों के लिए एक समान काम करेंगे और अमन-शांति कायम रखने का प्रयास करेंगे।
हिजाब विवाद पर दी प्रतिक्रिया
मौलाना ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की बात करने वालों की भी आलोचना की। उन्होंने इसे मानसिक दिवालियापन की ओर इशारा करते हुए कहा कि हिजाब एक पारंपरिक परिधान है जिसे मुस्लिम महिलाएं अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार पहनती हैं। मौलाना ने जोर देकर कहा कि भारतीय संविधान हर व्यक्ति को अपनी पसंद के अनुसार पहनावा चुनने का अधिकार देता है और किसी को भी इस पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर विरोध
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ज्ञानवापी जो आज मस्जिद के रूप में जाना जाता है, वास्तव में भगवान विश्वनाथ का मंदिर है। इस बयान ने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में हलचल मचा दी है और विभिन्न प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है।
इस बयान के बाद, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की आलोचना की और इसे उनकी जिम्मेदारी की अनदेखी बताया। उन्होंने न्यायालय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप से बचने की सलाह दी और हिजाब जैसे सांस्कृतिक मुद्दों पर भी स्पष्टता प्रदान की। यह बयान धार्मिक और राजनीतिक विवादों को नई दिशा देने का संकेत दे रहा है, जिससे भारतीय समाज में विभिन्न धाराओं के बीच तना-तनी का माहौल बन सकता है।
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