Manu Bhaker: झज्जर के गांव गोरिया की बेटी मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक 2024 में निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतकर भारत की गौरवमयी उपलब्धियों में एक नया अध्याय जोड़ा है।इस सफलता ने भारत के 12 साल से चले आ रहे ओलिंपिक पदक के सूखे को समाप्त कर दिया है।
मनु भाकर का पेरिस तक का सफर सहज नहीं रहा। उनका मार्ग कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा था, विशेषकर पिछले ओलिंपिक, टोक्यो 2020, में। टोक्यो ओलिंपिक के दौरान, मनु की पिस्टल में तकनीकी गड़बड़ी के कारण उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
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मनु डिप्रेशन के दौर से गुजरीं रही मनु
मनु के पिता, रामकिशन भाकर ने इस कठिन समय के बारे में बताते हुए कहा: “टोक्यो ओलिंपिक में मनु ने नहीं, उसकी पिस्टल ने धोखा दिया था। दूसरी सीरीज के दौरान इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर में सर्किट की खराबी आ गई थी। यह एक कठिन समय था, क्योंकि तकनीकी गड़बड़ी के कारण लगभग 22 मिनट तक शूटिंग नहीं हो पाई।”टोक्यो में पदक से चूकने के बाद, मनु डिप्रेशन के दौर से गुजरीं और घर में शूटिंग छोड़ने तक की बातें होने लगीं। इस कठिन दौर में, उन्होंने गीता का अध्ययन किया और योग के माध्यम से तनाव को दूर करने की कोशिश की। मनु भाकर की इस प्रेरणादायक यात्रा ने न केवल भारतीय खेल प्रेमियों को गर्वित किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प और आत्म-विश्वास से बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार किया जा सकता है।
मनु का टीवी पर लाइव मैच नहीं देखते माता-पिता
जब भी मनु का कोई बड़ा मैच होता है तो उसके माता-पिता टीवी पर मुकाबला नहीं देखते। रविवार को भी फाइनल मुकाबला देखने की बजाय मनु के पिता रामकिशन व माता सुमेधा भाकर सूरजकुंड रोड पर स्थित इबीजा टाउन सोसायटी में टहल रहे थे। मोबाइल उनके हाथ में था और सोसायटी के वाट्सएप ग्रुप पर सूचना फ्लैश हुई कि मनु ने कांस्य पदक जीत लिया है और इसके बाद चारों ओर खुशियां ही खुशियां।
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मनु भाकर की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं..
ओलिंपिक: 2024 पेरिस ओलिंपिक में कांस्य पदक। एशियन गेम्स: 2018 में एक रजत पदक। वर्ल्ड कप: 11 स्वर्ण पदक। यूथ ओलिंपिक गेम्स: 2 स्वर्ण पदक। ईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप: 5 पदक।
कॉमनवेल्थ गेम्स: 2018 में एक स्वर्ण पदक।
- 2017 में, उन्होंने केरल में नेशनल चैंपियनशिप में नौ स्वर्ण पदक जीतकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया।**
- 2017 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक हासिल किया।
- 2018 में, गुआदालाजरा, मैक्सिको में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स शूटिंग वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में, दो बार की चैंपियन अलेजांद्रा ज़वाला को हराकर, वे वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज बनीं।
- साल 2018 में, आइएसएसएफ जूनियर विश्व कप में भी दो स्वर्ण पदक जीते।
- 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में, महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर, उन्होंने एक नया राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड स्थापित किया।
- मई 2019 में, म्यूनिख आइएसएसएफ विश्व कप में चौथे स्थान पर रहते हुए, उन्होंने 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
- अगस्त 2020 में, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
मनु भाकर की इस शानदार यात्रा और उपलब्धियों ने न केवल भारतीय खेल प्रेमियों को गर्वित किया बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया कि कठिन परिश्रम और समर्पण से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।