Meeting On Manipur Violence:मणिपुर में पिछले एक साल से जारी जातीय संघर्ष को समाप्त करने और राज्य में शांति बहाल करने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में मणिपुर के तीन प्रमुख समुदायों—मैतेयी, कुकी और नगा—के विधायकों को शामिल किया गया है। यह पहली बार है जब इन तीन समुदायों के नेता एक साथ बातचीत करेंगे, जिससे राज्य में स्थायी समाधान की उम्मीद बढ़ी है।
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मणिपुर में एक साल से जारी है हिंसा
मणिपुर में जातीय तनाव और हिंसा का सिलसिला पिछले एक साल से जारी है, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। हिंसा के इस दौर ने राज्य की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को गहरा नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में, दिल्ली में होने वाली इस बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यह मणिपुर के हालात को सामान्य करने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है।
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तीनों समुदायों के बीच संवाद
गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई यह बैठक केंद्र सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जो मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए विभिन्न समुदायों के बीच संवाद स्थापित करने पर केंद्रित है। तीनों समुदायों—मैतेयी, कुकी और नगा—के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनाव और झगड़े चल रहे हैं, जिससे राज्य में हिंसा और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। अब केंद्र सरकार इस बातचीत के जरिए इन समुदायों के नेताओं को एक साथ लाने और समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।
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तीन नगा विधायक होंगे शामिल
इस महत्वपूर्ण बैठक में तीन नगा विधायकों के भाग लेने की पुष्टि की गई है, जबकि मैतेयी और कुकी समुदायों के विधायकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। यह बैठक न केवल मणिपुर के हालात को संभालने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह केंद्र सरकार की मंशा को भी दर्शाता है कि वह राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
क्या थमेगी मणिपुर की हिंसा?
मणिपुर में लंबे समय से जारी इस संघर्ष ने राज्य के सामाजिक ताने-बाने को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में यह बैठक एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, जहां तीनों समुदायों के नेताओं के बीच खुली बातचीत से कोई ठोस समाधान निकलने की उम्मीद है। हालांकि, यह देखना होगा कि केंद्र सरकार और मणिपुर के तीनों समुदायों के बीच बातचीत किस दिशा में जाती है और क्या इससे राज्य में शांति स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।