Manipur News: मणिपुर (Manipur) के कांगपोकली जिले में बम ब्लास्ट के चलते एक पूर्व विधायक की पत्नी की मौत हो गई। घटना पूर्व विधायक यामथोंग हाओकिप के घर के ठीक बगल में हुई। पुलिस के अनुसार, इस धमाके में हाओकिप की दूसरी पत्नी सापम चारुबाला गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिन्हें तुरंत सैकुल के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, लेकिन प्राथमिक उपचार के दौरान ही उनकी मौत हो गई। 59 वर्षीय चारुबाला हाओकिप मैतेई समुदाय से थीं और कुकी-ज़ोमी बहुल कांगपोकपी जिले के एकौ मुलम में रहती थीं। 64 वर्षीय यामथोंग हाओकिप ने 2012 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर दो बार सैकुल सीट जीती थी। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए।
धमाके के समय घर में मौजूद थे पूर्व विधायक
विस्फोट के समय पूर्व विधायक हाओकिप भी अपने घर में मौजूद थे, लेकिन इस घटना में उन्हें कोई चोट नहीं आई। पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि विस्फोट उस समय हुआ, जब 59 वर्षीय सापम चारुबाला पड़ोसी के घर के कंपाउंड में कुछ कचरा जला रही थीं। यह घर हाल ही में खाली किया गया था, और पुलिस को संदेह है कि कचरे में ही विस्फोटक सामग्री हो सकती है। पुलिस फिलहाल इस मामले की गहन जांच कर रही है। फोरेंसिक यूनिट से रिपोर्ट मिलने के बाद ही धमाके के स्रोत का सही पता चल सकेगा। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाह न फैलाएं और इस घटना को राज्य में हाल ही में हुई हिंसा से न जोड़ें।
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा
बता दें कि मणिपुर 3 मई, 2023 से जातीय हिंसा से प्रभावित है, जिसमें कम से कम 221 लोग मारे गए हैं और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य में कुकी-जो और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा है। हाल ही में सरकार ने संसद में बताया कि शरणार्थी शिविरों में 6 महीने से 6 साल की उम्र के 6164 बच्चे, 2638 किशोर लड़कियां, और 232 गर्भवती महिलाएं रह रही हैं।
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सुरक्षा और शांति की अपील
पुलिस ने घटना के मद्देनजर लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जा रही है और जल्द ही इस मामले में सच्चाई सामने आएगी। पुलिस ने जोर देकर कहा कि यह घटना राज्य में जारी हिंसा का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक अलग और स्वतंत्र घटना है।
शांति समझौते के बाद भी जारी हिंसा
शांति समझौता होने के बाद भी भीतर ही तनाव पैदा करने वाली घटना सामने आ रही हैं। मणिपुर के लोग पहले से ही हिंसा और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं। 3 मई 2023 से मणिपुर की इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष में 226 लोगों की मौत हो चुकी है। मैतेई, मुस्लिम, नगा, कुकी और गैर-मणिपुरी समेत विविध जातीय संरचना वाला जिरिबाम जून 2024 तक जातीय संघर्ष और हिंसा से अछूता न रह सका। इस घटना ने एक बार फिर मणिपुर में सुरक्षा और शांति के मुद्दों को उजागर कर दिया है। राज्य में पहले से ही जातीय हिंसा की आग जल रही है, और ऐसे समय में इस प्रकार की घटनाएं और अधिक तनाव पैदा कर सकती हैं। यह जरूरी है कि पुलिस और प्रशासन मिलकर इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच करें, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और लोगों का प्रशासन पर विश्वास बना रहे।
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