Mandi Mosque Case: मंडी, जिसे प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी और छोटी काशी के नाम से जाना जाता है, में शुक्रवार को तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली। हिंदू संगठनों ने 10 सितंबर को प्रस्तावित फैसले के दिन प्रदर्शन की घोषणा की थी, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए। सुबह-सुबह ही शहर में पुलिस की गाड़ियां और अधिकारी सक्रिय हो गए। नगर निगम कार्यालय और जेल रोड को पूरी तरह से सुरक्षित करने की तैयारी शुरू हो गई थी।
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नगर निगम कार्यालय में कड़ी सुरक्षा
नगर निगम कार्यालय को अभेद दुर्ग में बदलने की तैयारी की गई। निगम कार्यालय की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए, और मुख्य द्वार पर पुलिस का कड़ा पहरा तैनात किया गया। दमकल कर्मी फायर टेंडर के साथ मुस्तैद रहे और कार्यालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूछताछ की जा रही थी। उनकी पहचान और मोबाइल नंबर दर्ज किए जा रहे थे।
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पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने
पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा और एसडीजीपी कानून व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी ने सकोढी पुल पर मोर्चा संभाला। यहाँ त्रिस्तरीय बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई, और पंजाब पुलिस का वाटर कैनन वाहन भी तैनात किया गया। मस्जिद के मुख्य द्वार पर ताला लगा था और बाहर पुलिस का कड़ा पहरा था। बैरिकेडिंग के कारण स्कूली बच्चे और कॉलेज विद्यार्थी परेशान दिखे।
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प्रदर्शनकारियों की उमड़ी भीड़
जैसे-जैसे दिन बढ़ा, प्रदर्शनकारी सेरी चानणी की सीढ़ियों पर इकट्ठा होने लगे। हनुमान चालीसा का पाठ शुरू हुआ और देखते ही देखते भीड़ 500 से ऊपर पहुँच गई। 11:40 बजे नगर निगम आयुक्त ने मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने का फैसला सुनाया, जिससे प्रशासन ने थोड़ी राहत की सांस ली। प्रदर्शनकारी चौहाटा की ओर बढ़े और शहर की परिक्रमा की। लौटते समय गांधी चौक पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि स्थिति गंभीर हो गई।
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प्रदर्शनकारियों का पुलिस से टकराव
सेरी मंच पर 2000 से अधिक लोग पहुंच गए। सकोढी चौक पर प्रदर्शनकारी पुलिस और त्वरित प्रतिक्रिया बल के जवानों से टकरा गए। कुछ प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी गई। प्रदर्शनकारी भीगने के बावजूद जोश में रहे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हस्तक्षेप किया। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर की उपस्थिति से स्थिति और बिगड़ गई।
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प्रदर्शन समाप्त होने के बाद की स्थिति
दो बजे प्रशासन के समझाने पर प्रदर्शन समाप्त हुआ। रुमित ठाकुर और कुल्लू के जितेंद्र राजपूत ने काफी देर तक डटे रहे। आयुक्त कोर्ट ने अवैध निर्माण पर अपना फैसला सुना दिया और अब 30 दिन तक गेंद मुस्लिम पक्ष के पाले में डाल दी गई है। यह देखना होगा कि मुस्लिम पक्ष कोर्ट के समक्ष कितनी वचनबद्धता दिखाता है।
अनुराग ठाकुर का कांग्रेस सरकार पर हमला
हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि संजौली और मंडी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बल प्रयोग करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भी बर्दाश्त नहीं कर सकती और हिंदू समाज की मांगों को दबाने का प्रयास कर रही है। ठाकुर ने चेतावनी दी कि हिमाचल में इस प्रकार की घटनाएं और उनके परिणाम चिंता का विषय हैं और कांग्रेस सरकार जनभावना को अपने अहंकार तले कुचलने का प्रयास कर रही है।
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