Anti Rape Bill: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या (Kolkata Rape-Murder Case ) के मामले के बाद राज्य सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस घटना के बाद जनता का गुस्सा चरम पर है और सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है। ममता बनर्जी की सरकार ने इस विरोध को देखते हुए विधानसभा में एक नया बलात्कार विरोधी विधेयक पेश करने की तैयारी की है।
बलात्कारियों के लिए मौत की सजा
मंगलवार, 2 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” पेश किया जाएगा। इस विधेयक के तहत बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, दोषियों को जीवनभर के लिए आजीवन कारावास की सजा भी दी जा सकती है। इस विधेयक का उद्देश्य दुष्कर्म के मामलों में त्वरित और सख्त सजा सुनिश्चित करना है।
Read more: Paris Paralympics 2024: भारत का शानदार प्रदर्शन Sumit Antil ने जैवलिन थ्रो में जीता स्वर्ण पदक
विधेयक में क्या है खास?
“अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” का मकसद महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सख्त बनाना है। इस विधेयक में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन करने का प्रस्ताव भी शामिल है। ये संशोधन दंड की मात्रा बढ़ाने और गंभीर अपराधों की तेजी से जांच और सुनवाई के लिए नई रूपरेखा तैयार करने पर केंद्रित हैं।
Read more: Bahraich में नहीं रुक रहा आदमखोर भेड़ियों का हमला, 5 वर्षीय बच्ची को फिर बनाया निशाना
ममता सरकार का दावा: ‘सुरक्षा की दिशा में ठोस कदम’
पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि यह विधेयक राज्य में महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने कहा है कि यह विधेयक नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए उनके प्रति राज्य की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विधेयक की प्रक्रिया
पिछले महीने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद विधानसभा में दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। विधेयक को राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक द्वारा पेश किया जाएगा और इसे विधानसभा से पारित कर राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। अब देखना ये है कि इस विधेयक के पारित होने के बाद, यह महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को कम करने में मददगार साबित होगा या नहीं।
Read more: UP: संपत्ति का ब्यौरा न देने पर अगस्त वेतन पर रोक, प्रदेश के ढाई लाख कर्मचारियों को झटका