Shalimar Express Accident: पश्चिम बंगाल के हावड़ा में सिकंदराबाद-शालीमार सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Shalimar Superfast Express) के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए. दक्षिण पूर्व रेलवे डिवीजन ने बताया कि इस दुर्घटना में कुल तीन डिब्बे बेपटरी हो गए हैं, जिनमें से एक पार्सल वैन थी. इस हादसे में फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. रेलवे का प्रशासनिक अमला तुरंत मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य जारी है. रेलवे कर्मचारी डिब्बों को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं. दुर्घटना के कारण कई ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोकना पड़ा है, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा.
हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग प्रभावित
बताते चले कि, खड़गपुर डिवीजन के नालपुर स्टेशन के पास सुबह करीब 5:40 बजे सिकंदराबाद-शालीमार साप्ताहिक एक्सप्रेस (Shalimar Superfast Express) के तीन डिब्बे बेपटरी हो गए, जिससे हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर यातायात ठप हो गया। रेल अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के चलते सेक्शन की चार में से तीन लाइनों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. इसके कारण अन्य ट्रेनों को भी उनके निकटवर्ती स्टेशनों पर रोक दिया गया है। हालांकि, इस दुर्घटना में कितने यात्रियों को चोटें आई हैं और रेलवे को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है.
ट्रेनें कई स्टेशनों पर रोकी गईं
दुर्घटना के बाद रेल मार्ग पर यातायात प्रभावित होने से कई ट्रेनों को रोकना पड़ा. टाटानगर से हावड़ा जाने वाली स्टील एक्सप्रेस को टाटानगर स्टेशन पर ही रोक दिया गया. इसके अलावा कई अन्य ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया। जैसे, पोरबंदर-शालीमार सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Shalimar Superfast Express) को अब आसनबनी, टाटा, चांडिल होकर चलाया जाएगा। इसी तरह अन्य ट्रेनों जैसे मुंबई सीएसटीएम-हावड़ा मेल, लोकमान्य तिलक-शालीमार एक्सप्रेस, और अहमदाबाद-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के मार्ग में भी बदलाव किया गया है ताकि यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.
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रेल मंत्री का बयान
आपोक बता दे कि, हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कोलकाता स्थित ब्रेथवेट एंड कंपनी के निरीक्षण के दौरान बताया था कि पिछले दस वर्षों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई है. दस वर्ष पहले हर साल औसतन 171 दुर्घटनाएं होती थी, जो अब घटकर 40 रह गई हैं. हालांकि, एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 200 रेल दुर्घटनाओं में 351 लोगों की मृत्यु हुई और 970 से अधिक लोग घायल हुए. यह आंकड़ा भारतीय रेलवे के 17 जोन से प्राप्त किया गया है.
यात्री सेवाओं पर असर
इस दुर्घटना के चलते यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा. कई ट्रेनें अपनी तय समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंच पाईं और कुछ ट्रेनों को अन्य मार्गों से चलाया गया. रेलवे अधिकारियों ने प्रभावित सेक्शन पर बहाली के लिए काम शुरू कर दिया है, ताकि जल्द से जल्द यातायात सामान्य हो सके और यात्रियों को राहत मिले.
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