नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में हुए बड़े बदलाव, अब एनटीए का मुख्य काम उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में होने वाले प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन होगा, जबकि भर्ती (रिक्रूटमेंट) के लिए परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी अब एनटीए के पास नहीं होगी। एनटीए अब तक प्रवेश परीक्षा के साथ-साथ विभिन्न विभागों में पदों की भर्ती के लिए भी परीक्षाएं आयोजित करता था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बदलाव की जानकारी,दी।
NEET-2025 के पैटर्न पर होगा बदलाव
NTA के हुए इस बड़े बदलाव पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि…. मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट NEET-2025 के पैटर्न पर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच अभी वार्तालाप जारी है, और यह फैसला लिया जाएगा कि, NEET-यूजी परीक्षा पेन एंड पेपर मोड में आयोजित की जाए या कंप्यूटर आधारित टेस्ट के रूप में। सरकार का उद्देश्य भविष्य में कंप्यूटर और प्रौद्योगिकी आधारित प्रवेश परीक्षाओं की दिशा में कदम बढ़ाना है। इस बदलाव के साथ, एनटीए में नए पदों की सृजन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और नए अधिकारियों की भर्ती की जाएगी।
जिला मैजिस्ट्रेट और स्थानीय प्रशासन से भी ली जाएगी राय
एनटीए द्वारा आयोजित होने वाली विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में 2025 में अनुमानित रूप से 60 लाख छात्रों के आवेदन होने की संभावना है। इन परीक्षाओं में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन, मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी, यूजीसी नेट, और सीएसआईआर यूजीसी नेट शामिल हैं। इसके अलावा, प्रवेश परीक्षा केंद्रों के लिए जिला मैजिस्ट्रेट और स्थानीय प्रशासन से भी राय ली जाएगी, जिससे परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके। कंप्यूटर आधारित परीक्षा के लिए लगभग 400 केंद्रों की आवश्यकता होगी, जबकि पेन एंड पेपर मोड में मेडिकल परीक्षा के लिए करीब 1000 केंद्रों की जरूरत होगी। सरकारी संस्थानों में इन केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।
NCERT किताबों पर करेगा काम
प्रधान जी ने ये भी कहा कि, NCERT नई किताबों पर काम कर रहा है, और बाल वाटिका से लेकर कक्षा 6 तक की नई किताबें उपलब्ध हो चुकी हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कक्षा 4, 5, 7 और 8 की नई किताबें अगले सत्र में प्रकाशित की जाएंगी। 2026-27 के सत्र तक कक्षा 9 से 12 तक की नई किताबें प्रकाशित करने की योजना है। साथ ही, भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2014 में जहां 762 विश्वविद्यालय थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 1213 हो गई है। कॉलेजों की संख्या भी 38,000 से बढ़कर 46,624 हो गई है। साथ ही, 8 नई केंद्रीय विश्वविद्यालय, 7 नए IIT, 8 नए IIM, और अन्य संस्थान स्थापित किए गए हैं।